नई दिल्ली। दिल्ली में एयर पॉल्यूशन को कम करने के लिए केजरीवाल सरकार ने ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू करने का फैसला लिया लेकिन भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी को यह फैसला पसंद नहीं आया। उनका कहना है कि इससे पॉल्यूशन कम नहीं होगा। बस ट्रेफिक मैनेजमेंट होगा। ऑड-ईवन फॉर्मूला के तहत 13 से 17 नवंबर (5 दिन तक) दिल्ली में एक दिन छोड़कर ऑड और ईवन नंबर की गाड़ियां चलेंगी। यह प्रयोग पहले भी किया जा चुका है और इससे प्रदूषण के स्तर में गिरावट दर्ज की गई थी।
दिल्ली में पॉल्यूशन न्यूयॉर्क से कम
लेखी ने कहा, दिल्ली के हाई लेवल पॉल्यूशन के लिए कंस्ट्रक्शन से पैदा हो रही धूल (डस्ट) और कूड़ा-कचरा जिम्मेदार है। गाड़ियों से निकलने वाला धुआं नहीं। ऑड-ईवन तो ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए एक फॉर्मूला है। इसे लागू करने से राजधानी और उसके आसपास के इलाकों में पॉल्यूशन कैसे कम होगा? दिल्ली में पॉल्यूशन न्यूयॉर्क से कम है। कूड़े की समस्या एयर पॉल्यूशन के लिए ज्यादा जिम्मेदार है, क्योंकि इससे कई तरह की हानिकारक गैसें निकलती हैं। क्या आप सरकार डस्ट और कचरे से निपटाने के लिए कोई कदम उठाएगी? मेरा मानना है कि केजरीवाल सरकार को पब्लिक ट्रांसपोर्ट बढ़ाने और कचरे के सही निपटारे पर ध्यान देना चाहिए।
मोदी के मंत्री ने कहा प्राइवेट गाड़ियों को बंद करने से सुधार होगा
वहीं, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि दिल्ली, हरियाणा और पंजाब समेत बाकी राज्यों को खेतों में पराली जलाने पर कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए। इसके अलावा लोगों को प्राइवेट गाड़ियों की बजाय पब्लिक ट्रांसपोर्ट से सफर करने के लिए प्रेरित करना होगा। इससे एयर क्वालिटी कुछ सुधर सकती है। उन्होंने इस बात पर जोर देकर कहा कि मेट्रो के चौथे फेज और रैपिड रेल सिस्टम को दिल्ली से मेरठ तक बढ़ाना होगा। इससे लोगों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट की फैसिलिटी मिलेगी।