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इसके अलावा जिन लोगों को अस्थमा है, खासतौर पर बच्चे और बुजुर्ग, हमेशा अपने साथ इन्हेलर रखें। दिल के मरीज और न्यूरोलोजिक बीमारियों के मरीज भी अपना ख्याल रखें क्योंकि यह स्मॉग सीधे कार्डियो-वैस्कुलर सिस्टम को प्रभावित करता है।
डॉ. ज्ञानेंद्र अग्रवाल ने कहा, हवा में धूल के कारण लोगों में ब्रांकाइटिस, छाती में कन्जेशन और गले में जलन जैसी समस्याएं बढ़ रहीं हैं। अगर आपको छाती में भारीपन लगे तो भाप लें, इससे आराम मिलेगा।
अग्रवाल ने कहा कि इस समय अपने आहार में विटामिन सी, विटामिन ई और बीटा कैरोटीन का सेवन अधिक मात्रा में करें, क्योंकि ये आपकी प्रतिरक्षी क्षमता बढ़ाते हैं। इसके अलावा प्रसंस्कृत चीनी के बजाए गुड़ का सेवन बेहतर होगा, जो फेफड़ों से प्रदूषकों को बाहर निकालने में मदद करता है।
उन्होंने कहा कि अगर फिर भी कोई परेशानी हो तो तुरंत अपने डॉक्टर की सलाह लें। अच्छी गुणवत्ता का मास्क पहनें जो पीएम 2.5 को फिल्टर कर सकता हो, ताकि स्मॉग का सीधा असर आपके फेफड़ों पर न पड़े।