भोपाल। भोपाल गैंगरेप मामले में सरकार की तमाम कार्रवाईयां मीडिया के पीछे पीछे चल रहीं हैं। मीडियाकर्मी एक्टिव हुए तो एफआईआर हुई। मीडिया ने हंगामा मचाया तो दोषी पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड किया गया। मीडिया ने सवाल उठाए तब चौथा आरोपी पकड़ा गया और अब जब मीडिया ने मेडिकल रिपोर्ट का खुलासा कर दिया तो गैंगरेप को सहमति से संबंध बताने वाली DOCTOR KHUSHBU GAJBHIYE और DR. SANYUKTA को कमिश्नर ने नोटिस थमा दिया। जबकि यह कार्रवाई प्रकरण दर्ज होने के तत्काल बाद हो जानी चाहिए थी। इतने गंभीर मामले में सिर्फ नोटिस को न्यायोचित नहीं कहा सकता।
सुल्तानिया जनाना अस्पताल में पीड़िता का मेडिकल कराया गया था। इसमें पहले दी गई रिपोर्ट में सहमति के साथ सेक्स का उल्लेख किया गया था। जब इस रिपोर्ट में गड़बड़ी पकड़ में आई तो वरिष्ठ डॉक्टर से फिर नई रिपोर्ट बनवाई गई, जिसमें सामूहिक दुष्कर्म की बात कही गई है। गुरूवार को भोपाल की मीडिया ने इसका खुलासा किया।
भोपाल के संभाग आयुक्त अजातशत्रु श्रीवास्तव ने बताया कि मेडिकल रिपोर्ट बनाने में लापरवाही सामने आई है। इसके लिए डॉ खुशबू गजभिए और डॉ संयुक्ता को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। उन्हें उत्तर देने के लिए सात दिन का समय दिया गया है। सुल्तानिया जनाना अस्पताल के अधीक्षक डॉ करन पीपरे ने इस मामले में गलती स्वीकार करते हुए बताया कि इस मामले से वरिष्ठों को अवगत करा दिया गया है। डीन ने संबंधित डॉक्टरों से स्पष्टीकरण मांगा है। ऐसे संवेदनशील मामलों में कोई त्रुटि नहीं हो, इसलिए भविष्य में इसकी जिम्मेदारी वरिष्ठ डॉक्टरों को ही दी जाएगी।
भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन के आउटर पर कोचिंग से लौट रही 19 वर्षीय छात्रा के साथ 31 अक्टूबर की शाम साढ़े सात बजे से लगभग तीन घंटे तक चार दरिंदों में सामूहिक दुष्कर्म किया था। मामला दर्ज कराने के लिए पीड़िता को अपने पुलिसकर्मी परिजन के साथ कई थानों में भटकना पड़ा था। बाद में वरिष्ठ अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद प्रकरण दर्ज हुआ था। पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। मामले के तूल पकड़ने पर तीन थाना प्रभारी एवं दो उप निरीक्षक निलंबित किए गए हैं। भोपाल के पुलिस महानिरीक्षक, रेल पुलिस अधीक्षक और एक नगर पुलिस अधीक्षक को उनके पदों से हटा दिया गया है।