नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उच्चतर शिक्षा संस्थाओं के लिए प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करने के लिए सोसायटी अधिनियम, 1860 के अन्तर्गत सोसायटी के रूप में एक स्वायत्त और आत्मनिर्भर शीर्ष परीक्षा संगठन, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी की स्थपना को मंजूरी प्रदान कर दी है। एनटीए आरंभ में उन प्रवेश पीरक्षाओं को संचालित करेगी जो इस समय सीबीएसई द्वारा संचालित किए जा रहे हैं। अन्य पीरक्षाएं धीरे-धीरे तब शुरू की जाएगी जब एनटीए पूर्णत: तैयार हो जाएगी।
यह वर्ष में कम से कम दो बार ऑनलाइन पद्धति में परीक्षाएं संचालित करेगी और इस प्रकार विद्यार्थी को उसके सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान करेगी। ग्रामीण छात्रों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए यह उप-जिला/जिला स्तर पर केंद्रों को स्थापित करेगी और जहां तक संभव हो विद्यार्थियों को व्यावहारिक प्रशिक्षण देगी।
एनटीए की अध्यक्षता एक प्रख्यात शिक्षाविद् द्वारा की जाएगी जिसकी नियुक्ति मानव संसाधन विकास मंत्रालय करेगी। सीईओ, महानिदेशक होंगे जिनकी नियुक्ति सरकार करेगी। एक शासक मंडल होगा जिसमें सदस्य प्रयोक्ता संस्थाओं में से होंगे। महानिदेशक की सहायता के लिए शिक्षाविदों/विशेषज्ञों की अगुवाई में 9 वर्टिकल होंगे।
एनटीए की स्थापना से विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं में भाग ले रहे लगभग 40 लाख छात्रों को लाभ होगा। इसकी स्थापना से सीबीएसई, एआईसीटीई तथा अन्य एजेंसियां इन प्रवेश पीरक्षाओं को आयोजित करने की जिम्मेदारी से मुक्त हो जाएंगी। एनटीए की स्थापना छात्राओं की योग्यता, बुद्धिमत्ता तथा समस्या निवारण क्षमता का आंकलन करने के लिए उच्च विश्वसनीयता एवं मानकीकृत कठिनाई का हल करेगी।
जैसा की विश्व के अधिकांश उन्नत देशों में होता है, भारत में इन प्रवेश परीक्षाओं को आयोजित करने के लिए कोई विशेषीकृत निकाय नहीं है, इस बात को ध्यान में रखकर माननीय वित्त मंत्री ने वर्ष 2017-18 के अपने बजट भाषण में उच्च शैक्षिक संस्थाओं में दाखिले के लिए सभी प्रवेश पीरक्षाओं को आयोजित करने हेतु एक स्वायत्त तथा आत्मनिर्भर शीर्ष परीक्षा संगठन के रूप में राष्ट्रीय परीक्षा एजेसी (एनटीए) की स्थापना की घोषणा की थी।