
अश्वगंधा की जड़ पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धति में कारगार आयुर्वेदिक दवा के रूप में प्रयोग की जाती है। इसे एक 'एडप्टोजन' माना जाता है। मतलब यह कि एक ऐसी जड़ीबूटी है, जो शारीरिक ऊर्जा सुधारने में, खिलाड़ियों की क्षमता बढ़ाने में, रोग प्रतिरोधक क्षमता सुधारने और प्रजनन क्षमता बढ़ाने में काफी कारगर मानी जाती है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए हल्दी का इस्तेमाल खूब किया जाता है। एंटी-बैक्टिरियल, एंटी-फंगल और एंटी-वायरल के तौर पर यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मददगार है। हल्दी को अगर गर्म दूध में डालकर लिया जाए, तो ये और भी ज्यादा फायदेमंद साबित होती है। चिया के बीज प्रोटीन, ओमेगा 3 फैटी एसिड्स और महत्वूपर्ण खनिज का स्रोत हैं। बेहतर लाभ के लिए इन्हें रात भर पानी में भिगो कर सुबह लें।
लहसुन खाने के स्वाद को बढ़ाने के साथ ही कई गुणों से भरपूर है। लहसुन में कैलोरी काफी कम होती हैं साथ ही यह फाइटोन्यूट्रिएंट एनिथोल से भरपूर होता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार है। चुकंदर में लाभवर्धक फाइटोकेमिकल्स और एंटीऑक्सिडेंट्स प्रचुर मात्रा में होते हैं जो स्वस्थ कोशिकाओं और उनके डीएनए को नुकासन पहुंचाने वाले मुक्त कणों से लड़ने में मदद करता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को सुदृढ़ करता है।