भोपाल। हाल ही में देश भर में नोटबंदी की वर्षगांठ और बरसी एक साथ मनाई गई है। कांग्रेस ने इसे काला दिवस मनाया तो भाजपा ने कालाधन विरोधी दिवस मनाया और नोटबंदी का गर्व किया। 8 नवम्बर 2016 को नोटबंदी के बाद जो हाहाकार मचा था, उसका असर और देश की जनता को सब्र करने की अपील करते हुए 13 नवम्बर 2016 को गोवा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एतिहासिक बयान दिया था। यदि देश में नोटबंदी की चर्चा होती है तो इस एतिहासिक बयान का भी जिक्र होना ही चाहिए।
13 नवम्बर 2016 को गोवा में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के शिलान्यास के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर मंच से नोटबंदी के फैसले पर अपनी बात रखी थी। इस मौके पर वह कई दफे भावुक होते नज़र आए और भाषण के अंत तक उनकी आंखों से आंसू भी झलक आए। सोशल मीडिया पर उनके विरोधियों ने इसके बाद उन्हे ‘रोतडू पीएम’ कहा जो ट्वीटर पर टॉप ट्रेंड कर गया था।
500 और 1000 के नोट बंद होने पर जनता को होने वाली असुविधा की बात करते हुए पीएम मोदी ने भावुक होते हुए कहा था कि उन्होंने भी गरीबी देखी है और वह परेशानी को समझ सकते हैं। पीएम मोदी ने कहा था कि 'किसी को तकलीफें होती है तो मुझे भी होती है। मैंने बुराइयों को निकट से देखा है। देश के लिए मैंने अपना घर परिवार छोड़ा है, अपना सब कुछ देश के नाम कर दिया है। मैंने देश से सिर्फ 50 दिन मांगे है, 30 दिसंबर तक का वक्त दीजिए। उसके बाद अगर मेरी कोई गलती निकल जाए, गलत इरादे निकल जाएं, कोई कमी रह जाए तो जिस चौराहे पर खड़ा करेंगे खड़ा होकर, देश जो सजा देगा उसे भुगतने के लिए तैयार हूं।
भाषण के अंत में जनता को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री के आंखों से आंसू बहने लगे और उन्होंने जनता से भावुक अपील करते हुए कहा कि यह अंत नहीं है। भ्रष्टाचार बंद करने के लिए मेरे दिमाग में और भी प्रोजेक्ट चल रहे हैं। ईमानदारी के काम में मेरा साथ दीजिए। उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि 'मैं जानता हूं मैंने कैसी कैसी ताकतों से लड़ाई मोल ले ली है। जानता हूं कैसे लोग मेरे खिलाफ हो जाएंगे, मुझे ज़िंदा नहीं छोड़ेंगे, मुझे बर्बाद कर देंगे लेकिन मैं हार नहीं मानूंगा। आप सिर्फ 50 दिन मेरी मदद करें। मेरा साथ दें।