भोपाल। मध्यप्रदेश कैडर के आईएएस अफसर आदित्य सिंह पर 2 किसानों को मुर्गा बनाने का आरोप लगा है। आदित्य सिंह टीकमगढ़ के जतारा में एसडीएम के पद पर कार्यरत हैं। ये वही आईएएस अफसर हैं जिन्हे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भू-अर्जन, राजस्व कार्य एवं राजस्व प्रकरणों के उत्कृष्ट निराकरण हेतु पुरस्कृत किया था। फरवरी 2017 में बीआरसीसी जेपी शर्मा ने भी इन्हीं की फटकार से नाराज होकर इस्तीफा दे दिया था।ताजा मामले में अपडेट मिला है कि जिन किसानों को मुर्गा बनाया गया था उनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कर लिए गए हैं।
अब यह मामला सुर्खियों में आ गया है। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा ने इस घटना को सरकार की वजह से संरक्षण प्राप्त प्रशासनिक तानाशाही निरूपित किया है। श्री मिश्रा ने मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान से जानना चाहा है कि आखिरकार क्या कारण है कि आपके हाथों अपनी उत्कृष्ट सेवाओं की खातिर सम्मान पाने वाले अधिकारीगण व जनप्रतिनिधि अत्याधिक शौर्य और ऊर्जा कहां से और कैसे प्राप्त कर लेते हैं, यह आपके हाथों का पराक्रम है या उन्हें आपकी ओर से दिया जाना वाला अत्याधिक संरक्षण?
श्री मिश्रा ने कहा कि जिन आदित्यसिंह को गत् दिनों मुख्यमंत्री ने भू-अर्जन, राजस्व कार्य एवं राजस्व प्रकरणों के उत्कृष्ट निराकरण हेतु पुरस्कृत किया वे किसानों को ‘मुर्गा’ बना रहे हैं। इसके पहले भी उज्जैन में गत् वर्ष संपन्न ‘सिंहस्थ महाकुंभ’ के दौरान उत्कृष्ट सेवाओं के लिए जिस निगमायुक्त सुरेन्द्र कथूरिया को सम्मानित किया था, वे सम्मान पाने के बाद 50 लाख रूपये की रिश्वत के आरोप में रंगे हाथों पकड़े गये।
इन प्रकरणों को देखते हुए यह प्रश्न स्वाभाविक है कि आपके हाथों पुरस्कृत होने के साथ ही इन अधिकारियों में अत्याधिक शौर्य और ऊर्जा कहां से प्राप्त हो जाती है, आपके हाथों का यह पराक्रम अनुसंधान का विषय है?