इंदौर। करोड़ों की धोखाधड़ी में फंसे व्यवसायी से सांठगांठ कर अनाज कारोबारियों की गिरफ्तारी करने वाले टीआई और एएसआई को एडीजी ने शनिवार दोपहर सस्पेंड कर दिया। उन्होंने दोनों के खिलाफ जांच के भी आदेश जारी किए हैं। टीआई पहले से बिल्डरों से सांठगांठ और शराब कारोबारियों को वीआईपी सुविधा देने के आरोपों में घिरे हैं। उनसे डीआईजी भी स्पष्टीकरण मांग चुके हैं। उधर, एक अन्य मामले में डीआईजी ने रीडर एमएल विश्वकर्मा को भी सस्पेंड किया है।
वाकया रावजी बाजार थाने का है। एडीजी अजयकुमार शर्मा ने टीआई जगदीश गोयल और जांच अधिकारी एएसआई की गोपनीय जांच करवाई और उन्हें सस्पेंड कर दिया। अफसरों के मुताबिक टीआई ने धोखाधड़ी के आरोपी से मिलकर अक्टूबर में छावनी के अनाज कारोबारी अनिल मित्तल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। व्यापारी के परिजन ने एडीजी को घटना बताई और कहा कि मित्तल के खिलाफ निखिल अग्रवाल ने शिकायत दर्ज करवाई थी। निखिल पर करोड़ों की धोखाधड़ी का आरोप है। उसके खिलाफ कई थानों में शिकायतें दर्ज हैं। मुंबई में भी उस पर मामला चल रहा है।
एडीजी ने एआईजी (क्राइम) विनय प्रकाश पॉल को गोपनीय जांच करने के आदेश दिए। जांच में खुलासा हुआ कि मित्तल पर दर्ज एफआईआर की अफसरों ने जांच बैठा रखी है। उन्होंने बगैर जांच के मित्तल व उसके साथियों की गिरफ्तारी पर भी रोक लगाई थी, लेकिन टीआई ने आनन फानन मित्तल को पकड़कर जेल भेज दिया।
उलझाने के लिए मुनीम को खिलाया था जहर
मामला अनाज व्यापारियों की व्यावसायिक रंजिश का है। रावजी बाजार पुलिस ने निखिल की रिपोर्ट पर सुरेश जाट ( मुनीम) अनिल मित्तल (कारोबारी), संदीप गोयल और संजय एरन के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। निखिल ने आरोप लगाया कि तीनों व्यापारियों ने उसे झूठे केस में फंसाने के लिए मुनीम सुरेश को जहर खिलाया और अस्पताल में भर्ती करवा दिया। सुरेश ने उस पर बंधक बनाकर मारपीट का आरोप लगा दिया। तत्कालीन पुलिस अफसरों ने तीनों व्यापारियों के खिलाफ ब्लैकमेलिंग और साजिश का मामला दर्ज करवा दिया। एडीजी ने इस मामले की निष्पक्ष जांच के आदेश दिए थे, लेकिन टीआई ने अफसरों को बताए बगैर एक आरोपी अनिल मित्तल को पकड़ लिया। नाराज एडीजी ने इस मामले की जांच थाने से हटाकर महू टीआई सीएस चढार को सौंपी थी।
एफआईआर के कंटेंट व धारा गलत थी
जांच के दौरान पता चला कि एफआईआर के कंटेट और धाराएं भिन्न हैं। मामले की जांच के निर्देश दिए थे। टीआई ने एएसपी-सीएसपी को बताए बगैर गिरफ्तारी लेना शुरू कर दी थी।
अजयकुमार शर्मा, एडीजी