जिन मिलों में बिजली कनेक्शन तक नहीं उन्हे, बैंक ने LOAN, सरकार ने सब्सिडी दे दी

Bhopal Samachar
आनंद ताम्रकार/बालाघाट। बालाघाट जिले में बिना बिजली कनेक्शन लिये चल रही ऐसी 2 राईस मिलों का पता चला है जिन्हें भारतीय स्टेट बैंक की शाखा वारासिवनी करोडों रूपये का कर्ज दिया गया है। इतना ही नही जिला व्यापार उद्योग केन्द्र बालाघाट से इन मिलों को 30-30 लाख रूपये अनुदान भी दिया गया है। इस बात का खुलासा सूचना के अधिकार के अतंर्गत जिला उद्योग केन्द्र बालाघाट द्वारा 16 अक्टूबर 2017 को दिये गये पत्र क्रमांक 7464 से हुआ है। सवाल यह है कि जिन राइस मिलों ने बिजली कनेक्शन तक नहीं लिया, क्यों ना उन्हे कागजी एवं फर्जी मान लिया जाए एवं इस मामले की गंभीरतापूर्वक जांच कराई जाए। 

उक्त पत्र के माध्यम से इन मिलों को अनुदान स्वीकृति के पूर्व भौतिक सत्यापन किये जाने संबंधित जांच प्रतिवेदन की प्रतिलिपि उपलब्ध कराई गई है। जांच प्रतिवेदन में दी गई जानकारी के अनुसार संचेती फु्रड प्रोसेस प्रो.अनीस संचेती पिता उत्तम संचेती ग्राम मेंहदीवाडा को 4000 टन क्षमता की राईस मिल स्थापना के लिये भवन निर्माण हेतु 64 लाख 27 हजार 980 रूपये एवं प्लांट मशीनरी के लिये 2 करोड 57 लाख 47 हजार 559 रूपये 35 पैसे इस तरह कुल पूंजी निवेश कुल 3 करोड 21 लाख 75 हजार 539 रूपये 35 पैसे दर्शाया गया है।

इसी तरह शुभ सारटेक्स ग्राम मेंहदीवाडा प्रो. अंकित संचेती पिता उत्तम संचेती वारासिवनी को 4000 टन राईस मिलिंग के स्थापनार्थ भवन निर्माण हेतु 43 लाख 34 हजार 500 रूपये प्लाट और मशीनरी 1 करोड 93 लाख 23 हजार 476 रूपये कुल 2 करोड 36 लाख 57 हजार 976 रूपये 95 पैसे का निवेष दर्षाया गया है।

जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र बालाघाट के प्रबंधक आरसी अमूले द्वारा 7 सितम्बर 2015 को अपने जांच प्रतिवेदन में संचेती फूड प्रोसेस मेंहदीवाडा को उद्योग निवेश अनुदान योजना 2010 के अनुसार 3 करोड 21 लाख 75 हजार 539 रूपये 35 पैसे की मान्य पूंजी निवेश पर 25 प्रतिशत की दर से 30 लाख रूपये अनुदान स्वीकृत किये जाने की अनुशंसा की गई तथा जांच प्रतिवेदन में यह उल्लेख किया गया है कि इकाई द्वारा अपने स्वयं के नाम का विद्युत कनेक्शन ना लेकर मेसर्स श्री परबायलिंग मेंहदीवाडा के नाम पर दिये विद्युत कनेक्शन का उपयोग किया जा रहा है और एक ही परिसर में स्थापित है।

शुभ सारटेक्स मेंहदीवाड़ा के नाम से दिये गये जांच प्रतिवेदन में यह उल्लेख किया गया है कि 2 करोड 36 लाख 57 हजार 976 रूपये 95 पैसे के मान्य पूंजी निवेश पर 30 लाख रूपये की अनुदान राशि स्वीकृत करने की अनुशंसा की गई और अनुदान प्रदान कर दिया गया, जांच प्रतिवेदन में इकाई द्वारा अपने नाम का विद्युत कनेक्शन ना लेकर मेसर्स श्री परबायलिंग मेंहदीवाडा के नाम पर दिये विद्युत कनेक्षन का उपयोग किया जा रहा है और एक ही परिसर में स्थापित है।

कार्यपांलनयंत्री संचा/संधा संभाग, म.प्र.पू,क्षे.वि.क.लिं,वारासिवनी द्वारा सूचना के अधिकार के तहत पत्र क्रमांक 2710 दिनांक 11 सितम्बर 2017 के माध्यम से यह जानकारी उपलब्ध कराई गई है कि मेसर्स संचेती फु्रड प्रोसेस एवं शुभ सारटेक्स के नाम से कोई भी निम्न दाब/ उच्चदाब बिजली कनेक्शन इस कार्यालय द्वारा प्रदान नही किया गया है यह भी अवगत कराया गया है कि किसी अन्य उद्योग इकाई जिसे उच्चदाब/निम्नदाब का कनेक्शन दिया गया है के द्वारा इन दोनो इकाईयों के नाम से विद्युत प्रदाय करने की अनुमति प्रदान नही की गई है।

कृषि उपज मंडी वारासिवनी के सचिव द्वारा इन इकाईयों को राईस मिल संचालन के लिये आवश्यक लाईसेंस बिना स्थल निरीक्षण किये ही प्रदान कर दिया गया। इस प्रकार महज कागजों पर चल रही राईस मिलों को भारतीय स्टेट बैंक की वारासिवनी शाखा द्वारा करोडों रूपये का कर्ज स्वीकृत किया जाना एवं उद्योग केन्द्र बालाघाट द्वारा लाखों रूपये का अनुदान दिये जाने में भारी भ्रष्टाचार का संदेह उत्पन्न होता है। जिसकी गहन जांच आवश्यकता है। 

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