BHOPAL: बैंक लोगों की तनख्वाह, उनके खर्चने की आदतों और रुपए चुकाने के रिकॉर्ड जैसी चीजों पर गौर करते हुए लोन देते हैं। हालांकि, बैंक क्रेडिट लिमिट से अधिक रुपए भी लोगों को देते हैं। मगर उसके लिए तयशुदा फीस चुकानी पड़ती है, जिसे ओवरलिमिट शुल्क भी कहा जाता है। बैंक पर्सनल लोन में उन्हीं को प्राथमिकता देते हैं, जिनका सिबिल स्कोर 750 से अधिक होता है। जबकि 750 से कम सिबिल स्कोर वालों को उतनी ब्याज की बेहतर दरों और रकम की सीमा अधिक होने जैसे फायदे नहीं मिल पाते। सिबिल स्कोर की जानकारी न होने के कारण ऐसा होता है। ऐसे में आप इन तरीकों से अपने क्रेडिट स्कोर को अच्छा बना सकते हैं।
लोन लेना आसान है, लेकिन उसे लौटाना उतना ही मुश्किल, लोग भारी-भरकंप रकम बैकों से ले तो लेते हैं। मगर चुकाने की बारी आती है, तो शहर और देश से गायब तक हो जाते हैं। ऐसे मामलों में बैंक लोन को ‘राइट ऑफ’ के तौर पर इंगित कर लेते हैं, जिससे वह शख्स सिबिल (Cibil) रिकॉर्ड्स में ब्लैकलिस्ट हो जाता है। वहीं, कुछ लोग लोन का कुछ हिस्सा तो लौटा देते हैं, लेकिन बाकी की रकम अटका जाते हैं। लोन के इन मामलों को ‘सेटल्ड’ श्रेणी में रखा जाता है। बैंक इन्हीं वजहों से उन लोगों को भविष्य में किसी तरह की आर्थिक मदद करने से इन्कार कर देते हैं।
वक्त पर चुकाएं किस्तें
पर्सनल लोन, कार लोन या होम लोन की किस्त अगर एक तारीख को जानी है, तो उसे एक को ही चुकाएं। अगर इन्हें देने में देर करेंगे या नहीं चुकाएंगे, तो आपका सिबिल स्कोर नीचे गिर सकता है।
बार-बार न करें आवेदन
लोन के लिए या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई किया हो और आवेदन रिजेक्ट कर दिया जाए, तो बार-बार उसके लिए आवेदन न करें। अगर ऐसा करेंगे, तो आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में यह बात दर्ज कर ली जाएगी। वहीं, दूसरे बैंक में जाकर लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करेंगे, तो वे आपका कम क्रेडिट स्कोर और पुराने रिजेक्शन देखकर आपका आवेदन अस्वीकार कर देंगे। सबसे बढ़िया तरीका है कि थोड़ा इंतजार करें और सिबिल स्कोर सुधारने पर जोर दें।
एक साथ न लें कई लोन-क्रेडिट कार्ड्स
अगर आप कई बैंकों में क्रेडिट कार्ड और लोन के लिए आवेदन करते हैं, तो यह आपकी सबसे बड़ी गलती है। कम समय के अंतराल पर लोन लेंगे, तो कोई भी बैंक आपको उधार देने से परहेज करेगा। जितनी बार आप आवेदन करेंगे, वैसे-वैसे सिबिल स्कोर नीचे जाता जाएगा।
बंद कराना न भूलें लोन अकाउंट
बैंक को लोन की बकाया रकम चुकाने के बाद उसे बंद कराना न भूलें। बैंक लोन अधिकारी से लोन क्लोजर लेटर भी जरूर लें। लोन की रकम अदा करने के बाद कई बार वह रिकॉर्ड्स में अपडेट नहीं हो पाती, जिससे सिबिल स्कोर कमजोर रह जाता है।
दोनों तरह के लें लोन
लोन दो तरह के होते हैं। सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड। अगर आप कई सारे अनसिक्योर्ड लोन ले लेते हैं, तो इससे बैंक से सामने आपकी नकारात्मक छवि बनेगी। ऐसे में आप पर्सनल जैसे अनसिक्योर्ड लोन भी लें और कार और घर के लिए सिक्योर्ड लोन भी लें। क्रेडिट कार्ड भी अनसिक्योर्ड क्रेडिट में गिने जाते हैं।