भोपाल। चित्रकूट उपचुनाव के संदर्भ में यदि फिक्सिंग की चर्चाओं को झूठी अफवाह मान लिया जाए तो यह परिणाम सीएम शिवराज सिंह चौहान की व्यक्तिगत क्षमताओं पर सवाल उठाते हैं। शिवराज सिंह की पहचान वोट लुभाने वाला भाषण देने वाले नेता की है लेकिन चित्रकूट उपचुनाव में इसका उलट हुआ है। जहां जहां शिवराज सिंह की सभाएं हुईं, लगभग हर उस इलाके में भाजपा हार गई।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चौहान ने चित्रकूट विधानसभा चुनाव के लिए अर्जुनपुर, बरौधा, प्रतापगंज, हिरौधी, पिडरा, मझगवा में चुनावी सभाओं को संबोधित किया था। यहां सभी जगह पर भाजपा के प्रत्याशी शंकर दयाल त्रिपाठी हार गए हैं। कांग्रेस उम्मीदवार नीलांशु चतुर्वेदी ने इन सभी जगहों पर भारी बढ़त हासिल की है। यहां याद दिला दें कि अपनी लुभावनी भाषण कला के कारण ही शिवराज सिंह चौहान बुधनी के छोटे से कार्यकर्ता से मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बन सके हैं। एक वक्त वो भी था जब शिवराज सिंह चौहान के ब्रांड मैनेजर्स नरेंद्र मोदी की तुलना में शिवराज सिंह की भाषण कला को बेहतर साबित करने के लिए आंकड़े पेश कर रहे थे।
एक मिथक यह भी है
चित्रकूट विधानसभा सीट मध्यप्रदेश में भी आती है और उत्तरप्रदेश में भी। भले ही कोई इसे अंधविश्वास कहे परंतु आज तक का रिकॉर्ड रहा है कि चित्रकूट की दोनों सीटों पर भाजपा काबिज नहीं रही। 9 महीने पहले हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने यूपी के चित्रकूट विधानसभा सीट पर जीत का परचम लहराया था। इसके बाद मध्यप्रदेश में हुए उपचुनाव में भाजपा हार गई।