भोपाल। मध्यप्रदेश कर्मचारी कांग्रेस कार्यालय भोपाल में संगठन की प्रांतीय महासभा की पदाधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक रविवार को संगठन के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र खोंगल की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस बैठक को अशोक दंडोतिया मुरैना राजन तिवारी रीवा नरेश भैरवा विनोद त्रिपाठी विजय नगर इंदौर प्रवीण त्रिपाठी ग्वालियर सुरेश जोशी रतलाम मान सिंह चौहान उज्जैन ओमप्रकाश जॉली प्रमोद रघुवंशी गुना राज कुमार चौबे रीवा बागेश्वर सिंह शहडोल प्रमोद जैन अशोकनगर सहित विभिन्न जिलों के अध्यक्षों ने संबोधित कर राज्य सरकार के कर्मचारियों पेंशनरों कार्यभारित एवं स्थाई कर्मियों के साथ की जा रही वादाखिलाफी तथा कर्मचारी विरोधी नीतियों की तीव्र आलोचना की।
प्रांतीय महामंत्री आर के नामदेव ने जारी विज्ञप्ति में बताया की बैठक में 49 दिलों के अध्यक्ष 8 संभागीय अध्यक्ष तथा 150 प्रांतीय प्रदेश पदाधिकारी को संबोधित करते हुए भी वीरेद्र खोगल ने सरकार पर आरोप लगाया कि 62 वर्षों के इतिहास में पहली बार राज्य कर्मचारियों की लंबित मांगों पर जो ठहराव की स्थिति निर्मित हुई है। इसके पहले पेंशनर्स कार्यभारित स्थाई कर्मियों को दीन हीन स्थिति कभी नहीं थी। पहले सभी मांगों का मुख्यमंत्री द्वारा चर्चा के माध्यम से निराकरण किया जाता था किंतु विगत 5 वर्षों से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कर्मचारी संगठनों के साथ चर्चा नहीं की है।
संवादहीनता की स्थिति के कारण निराकरण नहीं होने से सभी वर्गों के कर्मचारियों में सरकार के प्रति आक्रोश एवं असंतोष व्याप्त है। इस हेतु सर्वानुमति से पूरे वर्ष सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के विरोध में सभी जिला तहसील एवं विकासखंड स्तर पर आंदोलन किए जाएंगे। बैठक के पश्चात विंध्याचल भवन परिसर में जिलों से भोपाल आए पदक पदाधिकारियों ने अर्धनग्न प्रदर्शन कर शासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की प्रदूषण सभा में हीरालाल चौक से आदर्श शर्मा आर के नाम देव स्वयं निगम राजेंद्र चौधरी तय्यब अली दीपेंद्र झा अवधेश अरुण एवं अनिल बाजपेई सम्मिलित थे।
जिन मांगो के लिए वर्ष भर प्रदर्शन किया जाएगा उन मैं पेंशनर्स कार्य भारित स्थाई कर्मी निगम मंडल एवं सरकारी संस्थाओं के कर्मचारियों को एक साथ सातवां वेतनमान देने छठवें वेतनमान की विसंगति दूर करने अग्रवाल वेतन आयोग की अनुशंसा लागू करने अंडरटेकिंग लेकर पदोन्नति देने अनुकंपा नियुक्ति के 18000 लंबित प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण वृत्ति कर की समाप्ति तथा दो लाख आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को न्यूनतम वेतन अधिनियम के तहत वेतन देने की मांगे प्रमुख है।