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करणी सेना ने ऐसा क्या मांग लिया इस बार
करणी सेना ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिखा है।
अमित शाह खुद परेश रावल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए।
सांसद परेश रावल को पार्टी से निष्कासित करें।
बयान जारी कर अपना रुख स्पष्ट करें।
सांसद परेश रावल प्रेस कांफ्रेंस करें।
देश के 566 राजा-रजवाड़ों के वारिसों से माफी मांगें।
मांग नहीं मानी तो क्या करेंगे
करणी सेना ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर भाजपा ने ऐसा नहीं किया तो राजपूत समाज पार्टी के सभी प्रत्याशियों का विरोध करेगा।
सांसद परेश रावल ने ऐसा क्या कह दिया
शनिवार को राजकोट में भाजपा सांसद परेश रावल ने एक सभा को संबोधित करते हुए सरदार पटेल का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पटेल ने देश को एक किया था। ये राजा-रजवाड़े, जो बंदर थे, उनको सही किया था, सीधा किया था। पटेल के बारे में ज्यादा नहीं लिखा गया, जबकि जेआरडी टाटा ने भी कहा था कि सरदार पटेल अपने प्राइम मिनिस्टर होते तो देश कहां का कहां पहुंच गया होता।
इसमें आपत्तिजनक क्या है
परेश रावल के इस बयान से राजकोट का क्षत्रिय समुदाय विरोध में उतर आया। उनकी ओर से परेश रावल के पुतले जलाने का एलान किया गया। सोशल मीडिया पर भी परेश रावल का विरोध शुरू हो गया। उनका कहना है कि यह राजपूत समाज का अपमान है।
सांसद की माफी से भी संतुष्ट नहीं
विरोध को बढ़ता देख बीजेपी ने तुरंत प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलवाकर परेश रावल से बयान बदलवाया। सांसद परेश रावल ने माफी मांगते हुऐ कहा कि यह जो बात मैंने बात कही है, वह हैदराबाद के निजाम को ध्यान में रखते हुए कही है। राजपूतों को नहीं कहा है। राजपूत तो हमारे देश के गौरव हैं। कृष्ण कुमार गोहेल जैसे राजपूज, जिन्होंने सामने चढ़कर पटेल को समर्थन दिया था। परेश ने आगे कहा कि ऐसे लोगों के लिये और ऐसी कौम के लिये हमारे मुंह से ऐसे शब्द कभी नहीं निकलेंगे।
तो क्या करणी सेना ने माफ कर दिया
नहीं, करणी सेना चाहती है कि परेश रावल को भाजपा से निष्कासित कर दिया जाए। भाजपा उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए और बयान जारी करके रुख स्पष्ट करे। यदि ऐसा नहीं किया तो राजपूत नाराज हो जाएंगे और भाजपा को वोट नहीं देंगे।