BHOPAL : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने मां वैष्णो देवी के दर्शन को लेकर एक अहम आदेश जारी किया है. एनजीटी ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि अब एक बार में 50 हजार से ज्यादा लोगों को ऊपर नहीं जाने दिया जाएगा. यह आदेश सोमवार से ही लागू कर दिया जाएगा. वैष्णो देवी दर्शन करने जाने वाले श्रद्धालुओं की भारी तादाद को देखते हुए एनजीटी ने यह कदम उठाया है. एनजीटी ने कहा है कि अगर दर्शन करने के लिए 50 हजार से ज्यादा लोग होते हैं तो उन्हें अर्द्धकुंवारी या फिर कटरा पर ही रोक दिया जाएगा. वैष्णों देवी के दरबार में 50 हजार लोगों की ही क्षमता है और इससे अधिक लोगों को वहां जाने की अनुमति देना खतरनाक हो सकता है जिसके चलते यह रोक लगाई गई है.
एनजीटी ने कहा कि वैष्णो देवी में पैदल चलने वालों और बैटरी से चलने वाली कारों के लिए एक विशेष रास्ता 24 नवंबर से खुलेगा. यह निर्देश भी दिया गया है कि मंदिर तक पहुंचने वाले इस नए रास्ते पर घोड़ों और खच्चरों को नहीं ले जाया जाए इतना ही नहीं इन पशुओं को धीरे-धीरे पुराने रास्ते से भी हटाया जाएगा.
एनजीटी ने अधिकारियों को यह निर्देश भी दिया कि कटरा शहर में सड़कों और बस स्टॉप पर थूकने वालों पर 2,000 रुपये का जुर्माना पर्यावरण मुआवजा भी लगाया जाए. यह निर्देश उस याचिका पर सुनवाई के वक्त आए हैं जिसमें याचिकाकर्ता एक कार्यकर्ता ने जम्मू स्थित वैष्णो देवी मंदिर परिसर में घोड़ों और खच्चरों के इस्तेमाल पर रोक लगाने का निर्देश देने की मांग की थी.
याचिकाकर्ता ने तीर्थयात्रियों और सामान को कटरा से वैष्णोदेवी मंदिर तक ले जाने के लिए घोड़ों, टट्टुओं, खच्चरों और गधों के अंधाधुंध इस्तेमाल के कारण होने वाले प्रदूषण और जन स्वास्थ्य के खतरे पर चिंता जताई थी.
साथ ही एनजीटी ने कहा था कि पैदल चलने वालों खासकर वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह खतरा है. एनजीटी कार्यकर्ता गौरी मौलेखी की याचिका पर सुनवाई कर रहा था. इसमें कहा गया, नया मार्ग 40 करोड़ रुपये की लागत से बना है और इसके 24 नवंबर तक खुलने की उम्मीद है.
इसके अलावा बढ़ते प्रदूषण के चलते वैष्णो देवी में किसी भी तरह के नए निर्माण पर रोक लगा दी गई है. हालांकि कंस्ट्रक्शन पर किसी तरह की कोई रोक नहीं लगाई गई है. बता दें कि वैष्णों देवी में कई बार लैंड स्लाइडिंग के चलते घटना हो जाती है.