भोपाल। नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी (एनएलआईयू) में छात्रों का विरोध प्रदर्शन तीव्र हो गया। गुरूवार से धरने पर बैठे छात्र सारी रात जमे रहे और शुक्रवार को भी जमकर हंगामा किया। छात्रों का आरोप है कि कैंपस में प्रबंधन व फैकल्टी द्वारा जाति सूचक शब्दों का उपयोग किया जाता है और छात्राओं के खिलाफ भी ‘स्लट’ जैसे गलत शब्द प्रयोग में लाए जाते हैं, जिसका मतलब ‘फूहड़ महिला’ होता है। छात्रों ने 10 साल से जमे डायरेक्टर को हटाने की मांग की एवं उनके सामने आने पर खुलेआम इस्तीफा मांगा।
डायरेक्टर ने पुलिस बुलाई
विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने चेतावनी दी है कि जब तक डायरेक्टर को नहीं हटाया जाता तब तक धरना प्रदर्शन जारी रहेंगे। छात्रों ने शुक्रवार को भी कक्षाअों का बहिष्कार किया। प्रदर्शन के दौरान फैकल्टी के वाहनों को भी मेन गेट से बाहर जाने से रोका। छात्रों ने देर शाम डायरेक्टर के बंगले पर नारेबाजी की। इसके चलते पुलिस बल भी संस्थान पहुंच गया था। गुरुवार सुबह से धरने पर बैठे छात्र रातभर गेट के बाहर ही जमे रहे। उधर, प्रबंधन ने छात्रों की कुछ मांगों पर चर्चा का आश्वासन दिया तो कुछ को अधिकार क्षेत्र से बाहर बताकर टाल दिया। इसी बीच डायरेक्टर ने साफ किया है कि यदि चीफ जस्टिस कहते हैं तो वे इस्तीफा देने को तैयार हैं।
जातिवाद की बात आते ही पहुंचे सांसद और विधायक
छात्रों के बढ़ते विरोध के बाद शुक्रवार को सांसद आलोक संजर संस्थान पहुंचे थे। शिकायत सुनने के बाद संस्थान की समस्याअों को लॉ मिनिस्टर तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। सांसद ने डायरेक्टर प्रो. एसएस सिंह से भी छात्रों की शिकायत पर चर्चा की। हालांकि, डायरेक्टर ने सांसद को छात्रों की शिकायतों के निराकरण का आश्वासन दिया। वहीं देर शाम विधायक रामेश्वर शर्मा भी एनएलआईयू पहुंचे और छात्रों से चर्चा की। वे अपने साथ कुछ छात्रों को उच्च शिक्षा मंत्री के भी पास ले गए।
आरोप- रिपोर्ट में मुख्य न्यायाधीश को दी झूठी जानकारी
छात्रों ने यह भी आरोप लगाया है कि प्रबंधन द्वारा मप्र हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को जो रिपोर्ट भेजी गई है उसमें भी झूठी जानकारी दी गई। छात्रों के अनुसार इसमें कहा है कि मांग नहीं मानने पर डायरेक्टर से इस्तीफा मांगा जा रहा है। छात्रों ने इसे गलत बताया है। छात्रों ने अपनी शिकायत व मांगे भारत के मुख्य न्यायाधीश के साथ, बीसीआई, कार्यपरिषद सदस्यों, सामान्य परिषद के सदस्यों को भी भेजी है। छात्रों ने प्रबंधन के सामने लाइब्रेरी खुले रखने का समय रात एक बजे तक करने और मूल्यांकन के साथ अटेंडेंस के नियमों को संशोधित करने की मांग रखी है।
भद्दे कमेंट्स समेत सभी अारोप गलत हैं: डायरेक्टर
डायरेक्टर प्रो. एसएस सिंह ने छात्रों द्वारा लगाए जा रहे सभी आराेपों को सिरे से खारिज किया है। उनका कहना है कि दस साल से संस्थान संभाल रहे हैं। पांच साल पहले इस तरह का प्रदर्शन हुआ था। उसके बाद अब दसवें साल में कार्यकाल पूरा होने से पहले प्रदर्शन किया जा रहा है। छात्रों से मांगों पर चर्चा हुई है। जो हमारे स्तर पर पूरी हो सकती हैं उसे पूरा करने की कोशिश की जाएगी। डायरेक्टर ने छात्रों के उन आराेपों को भी गलत बताया है, जिसमें छात्राओं के खिलाफ भद्दे कमेंट्स की बात कही गई है। साथ ही लाइब्रेरी का समय रात एक बजे करने से भी डायरेक्टर ने इनकार कर दिया है।