भोपाल। मध्यप्रदेश की राजनीति का चक्का तेजी से घूम रहा है लेकिन कांग्रेस में राजनीति की रेल सबसे तेज घूम रही है। भाजपा की ओर से सीएम फेस बहुत पहले से डिक्लियर हो चुका है लेकिन कांग्रेस में फैसला अब भी बाकी है। सीएम कैंडिडेट के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया यूं तो लगभग तय हैं परंतु दिग्विजय सिंह कभी भी टंगड़ी अड़ा सकते हैं। कहा जा रहा है कि दिग्विजय सिंह की चुप्पी के कारण ही सिंधिया का नाम अनाउंस नहीं हो पा रहा है। सिंह 6 माह तक राजनीति से अवकाश पर हैं। सवाल यह है कि क्या तब तक सिंधिया का फैसला भी स्थगित रहेगा। दिग्विजय सिंह की धार्मिक यात्रा में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी भाग लिया। इसके लिए महाराज 3 किलोमीटर पैदल चलकर गए। कहा जा रहा है कि यह मुलाकात सिंधिया की रणनीति का हिस्सा है ताकि दिग्विजय सिंह की एनओसी मिल जाए और नाम अनाउंस हो सके।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह की नर्मदा परिक्रमा यात्रा का मंगलवार को ओंकारेश्वर से मोरटक्का होते हुए खरगोन जिले में प्रवेश हुआ। यात्रा में शामिल होने के लिए आए पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया तीन किमी का कच्चा रास्ता पार करते हुए पैदल सिंह तक पहुंचे और गले मिलकर साथ-साथ चलने लगे। कुछ दूर चलने के बाद मोरटक्का के ओम श्री मां आश्रम में दोनों नेताओं ने 10 मिनट तक चर्चा की।
बाद में हुई प्रेस वार्ता में सिंधिया ने कहा हम (दिग्विजयसिंह व प्रदेशाध्यक्ष अरूण यादव) साथ-साथ हैं लेकिन प्रदेश की सड़कों की हालत खराब है। इंदौर के नेताओं के साथ सिंधिया दोपहर 1.40 बजे मोरटक्का पहुंचे। इसके पूर्व बड़वाह, खेड़ी घाट सहित रास्ते भर खंडवा सहित निमाड़ के कांग्रेसी नेता मंच से उनका स्वागत कर नारेबाजी करते रहे।