भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन से संबंधित बड़ी खबर सामने आ रही है। राज्य में लोकतंत्र की रक्षा के लिए तैनात दोनों दिग्गजों के आॅफिसों में पिछले 12 साल से लोक सूचना अधिकारी की नियुक्ति नहीं की गई है जबकि आरटीआई एक्ट के तहत यह अनिवार्य है। राज्य सूचना आयोग ने दोनों को नोटिस जारी किया है। सूचना आयुक्त हीरालाल त्रिवेदी ने प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री और प्रमुख सचिव मुख्य सचिव के साथ अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन विभाग को नोटिस जारी किया है। सूचना के अधिकार आंदोलन के संयोजक अजय दुबे की याचिका पर मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और सामान्य प्रशासन विभाग को नोटिस जारी किया है।
अवरोध पर मांगा जवाब
सूचना आयुक्त हीरालाल त्रिवेदी ने इन सभी विभागों से पारदर्शिता के अवरोध पर जबाब मांगा है। सूचना आयुक्त से जारी नोटिस में मुख्यमंत्री सचिव ऑफिस, मुख्यसचिव ऑफिस से पूछा गया है कि दोनों कार्यालय में 12 वर्षों से लोक सूचना अधिकारी की नियुक्ति क्यों नहीं की गयी। इसके अलावा सूचना आयुक्त हीरालाल त्रिवेदी ने अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन विभाग से पारदर्शिता के अवरोध पर जवाब मांगा है।
याचिकाकर्ता ने क्या कहा
इस मामले में याचिकाकर्ता अजय दुबे का कहना है कि सब जानते हैं कि हमारे मुख्यमंत्री शिवराज जी RTI को बहुत पसंद करते है। मुख्यमंत्री और मुख्यसचिव बीपी सिंह सरकार मे हमेशा पारदर्शिता/जवाबदेही/संवेदनशीलता के लिए बयान देते हैं। हमें विश्वास है कि सरकार RTI एक्ट को ईमानदारी से लागू करेगी।