पुणे। महाराष्ट्र की प्रतिष्ठित सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी ने अजीब तरह का फैसला लिया है। गोल्ड मेडल के संदर्भ में जारी किए एक सर्कुलर में शर्त रखी है जो छात्र शाकाहारी नहीं हैं उन्हे गोल्ड मेडल नहीं दिया जाएगा। यूनिवर्सिटी की इस शर्त का विरोध शुरू हो गया है। यह विरोध यूनिवर्सिटी केंपस से बाहर निकलकर राजनीति के गलियारों और सोशल मीडिया तक आ गया है। बता दें कि यह देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक है। इसे इसे ऑक्सफोर्ड ऑफ द ईस्ट भी कहा जाता है।
गोल्ड मेडल के लिए क्या हैं शर्तें?
1. स्टूडेंट को भारतीय संस्कृति और परंपराओं का ज्ञान होना चाहिए।
2. सिंगिंग, डांस, थियेटर और बाकी आर्ट्स में एक्सपर्ट होना चाहिए।
3. स्टूडेंट को इंडियन और इंटरनेशनल स्पोर्ट्स मेडल मिले हों। प्राणयाम और योगासन करने वालों को प्राथमिकता मिलेगी।
4. स्टूडेंट को किसी तरह के नशे की लत नहीं होनी चाहिए और उसका शाकाहारी भी होना जरूरी है।
5. रक्तदान, श्रमदान, पर्यावरण संरक्षण, प्रदूषण नियंत्रण, स्वच्छता और एड्स के लिए जागरुक करने में शामिल रहना जरूरी है।
6. 2016-17 के लिए साइंस स्ट्रीम छोड़कर बाकी स्ट्रीम के पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट ही अप्लाई कर सकते हैं।
7. स्टूडेंट को दसवीं, बारहवीं और ग्रेजुएशन में फर्स्ट या सेकंड क्लास में पास होना चाहिए।
8. पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट मौजूद नहीं होने पर ग्रेजुएट्स के नाम पर विचार किया जाएगा।
68 साल पुरानी है पुणे यूनिवर्सिटी
बता दें कि पुणे यूनिवर्सिटी की शुरुआत 1949 में हुई थी। अब इसे सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी के नाम से जाना जाता है। इसे ऑक्सफोर्ड ऑफ द ईस्ट भी कहा जाता है। देश के मशहूर साइंटिस्ट वसंत गोवारिकर इसके वाइस चांसलर रह चुके हैं।