नई दिल्ली। फेमस सिंगर सोनू निगम ने एक बार फिर इस्लाम के परंपराओं को चुनौती दी है। उन्होंने वीडियो जारी कर कहा है कि फतवा जारी करने वाले सुपारी किलर जैसे होते हैं। इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि फतवा को पूरी तरह से बैन कर देना चाहिए। बता दें कि इससे पहले सोनू निगम मस्जिदों के लाउडस्पीकर्स पर सवाल उठा चुके हैं। फिलहला मामला झारखंड की मुस्लिम योग टीचर राफिया नाज का है। रामदेव के साथ मंच शेयर करने के कारण उनके खिलाफ फतवा जारी किया गया है। उन्हें लगातार मिल रहीं धमकियों को देखते हुए सीएम रघुवर दास ने दो सिक्युरिटी गार्ड मुहैया कराए।
सोनू निगम ने शुक्रवार को वीडियो जारी कर कहा कि योग मजहब से परे है। मेरी योग टीचर भी मुस्लिम है। योग को बढ़ाने वालों के खिलाफ जो फतवा निकाल रहे हैं, उन्हें सुपारी किलर की तरह सजा मिलनी चाहिए। क्योंकि उनका मकसद साफ है कि कानून को हाथ में लो और लोगों को मारो।
फतवा को बैन कर देना चाहिए
सोनू निगम ने वीडियो में कहा, 'मुझे लगता है योग मजहब से परे है। हर इंसान को जरूरत है, अच्छी सेहत, अच्छी मानसिक स्थिति और प्रभु से निकटता की। आज जो योग को समाज से जोड़ रहे हैं, कुछ लोग उनके खिलाफ फतवा निकाल रहे हैं। मुझे पता नहीं ऐसा क्यों हो रहा है। मेरे ख्याल से पहले फतवा को ही बैन करना चाहिए और जो लोग फतवा निकाल रहे हैं, उन्हें वो सजा मिलनी चाहिए, जो किसी सुपारी देने वाले को मिलती है। क्योंकि ये ऐसा है कि मैंने इसकी सुपारी दी है, मारो। इसका मकसद है कि कानून को हाथ में लो और लोगों को मारो।'
मेरी भी योग टीचर मुस्लिम है: सोनू
दूसरे वीडियो में सोनू ने कहा, ''मैंने 2004 में योग करना शुरू किया था। मेरी टीचर का नाम रूही है, जो एक मुस्लिम है। उन्होंने मुझे पूरी मेहनत और निष्ठा के साथ योग सिखाया। मैं उनके साथ रोजाना सुबह 5 से 8 बजे तक योग करता हूं। ऐसे ही मेरे पिता भी योग सीख रहे हैं। उनके टीचर का नाम कबीर है, वो भी एक मुस्लिम है। आप सोच सकते हैं कि मुस्लिम योग टीचर हमसे कितने जुड़े हुए हैं। लोगों ये समझना चाहिए कि चाहे वो हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई या पारसी हों, सभी शांति और अच्छी हेल्थ चाहते हैं। इसे ईश्वरीय शक्तियां हमारे आसपास मौजूद होती हैं और हम खुद को बेहतर तरीके से लोगों से सामने प्रेजेंट कर पाते हैं।' बता दें कि कुछ महीने पहले सोनू ने अजान को लेकर कुछ ट्वीट किए थे। इसके बाद उनके खिलाफ मुस्लिम संगठनों ने फतवा जारी किया था। इसके विरोध में उन्होंने अपना सिर मुंडवा लिया था।
मुस्लिम योग टीचर के घर हुआ था पथराव
राफिया के घर पर मंगलवार रात को कुछ लोगों ने पत्थरबाजी की थी। इस घटना के बाद से उनका परिवार सहमा हुआ है। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मामले पर संज्ञान लिया और पुलिस अफसरों को राफिया की फैमिली को सिक्युरिटी देने का ऑर्डर दिया है।
कौन हैं राफिया नाज?
झारखंड के डोरंडा की रहने वाली राफिया लोगों को योग सिखाती हैं। आदिम जाति सेवा मंडल के आश्रम में योग टीचर हैं। 10वीं क्लास तक के बच्चों को ट्रेनिंग देती हैं। इसके अलावा राफिया खुद एमकॉम की पढ़ाई कर रही हैं और कॉलेज में स्टूडेंट यूनियन की जनरल सेक्रेटरी भी हैं। योग के प्रचार के लिए फेसबुक पर काफी एक्टिव रहती हैं। पिछले दिनों जब रामदेव रांची आए थे तो राफिया ने उनके साथ स्टेज शेयर किया था। उन्होंने योगासनों का प्रदर्शन कर योगगुरु को भी हैरत में डाल दिया था।