लिधौरा/टीकमगढ़। जिले के लिधौरा में अनावरण से पहले भीमराव आंबेडकर की मूर्ति पर ढंका हुआ कवर निकलने पर विवाद हो गया। यहां सैकड़ों लोगों ने जाम लगाकर विरोध किया। सड़क पर टायर रखकर आग के हवाले कर दिए। देखते ही देखते बाजार बंद करा दिया। विवाद को शांत करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। स्थानीय बस स्टैंड पर कुछ दिन बाद प्रतिमा का अनावरण होना था, लेकिन शरारती तत्वों ने प्रतिमा पर ढंका कवर निकाल दिया, जिससे आंबेडकर का चेहरा दिखाई देने लगा। इसकी खबर लगते ही बड़ी संख्या में अहिरवार समाज के लोग एकत्र हो गए। आक्रोशित लोगों ने हाइवे पर जाम लगा दिया।
बाजार बंद करा दिया। हालात बिगड़ते देख कई थानों से पुलिस बल भेजा गया। चप्पे-चप्पे पर पुलिस कतैनात किया गया। हालांकि पुलिस ने उस आरोपी को भी पकड़ लिया है, जिसने यह हरकत की है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। बाद में पुलिस ने समझाइश देकर नाराज लोगों से जाम खुलवाया। अहिरवार समाज के लोगों का कहना है कि प्रतिमा के पास लगे दो सीसीटीवी कैमरे कई महीनों से बंद हैं। कैमरों को चालू करने की मांग को लेकर कई बार अधिकारियों से आग्रह किया जा चुका है। इसके बाद भी कैमरे चालू नहीं कराए। यदि कैमरे चालू रहते तो प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ करने वाले शरारती तत्वों को तत्काल पकड़ा जा सकता था।
अहिरवार समाज के जिलाध्यक्ष पंकज अहिरवार, शिवलाल अहिरवार, भूपेंद्र, जगदीश अहिरवार, गजेंद्र, नीरज, मोहित, पुष्पेंद्र, रामचरण, दिनेश, गंगा, सुनील, राजकुमार, कमलेश, चंद्रभान, रामनरेश, रघुवीर अहिरवार, लखनलाल, रामचंद्र ने घटना की निंदा की है।
जाम लगाकर किया प्रदर्शन, सड़क पर टायर रखकर जलाए
प्रतिमा का लोकार्पण सोमवार को होना था। इसकी तैयारियां पूरी कर ली गई थी, लेकिन शनिवार रात को शरारती तत्वों ने प्रतिमा पर चढ़ा कवर निकाल दिया। रविवार सुबह लोगों ने देखा तो प्रतिमा खुली पड़ी थी। इससे आंबेडकर के अनुयायी आक्रोशित हो गए और देखते ही देखते विवाद गहरा गया। प्रतिमा 3 नवंबर को स्थापित की गई है। प्रतिमा ढंकी रही, इसलिए उस पर पन्नी चिपकी हुई थी, शरारती तत्वों ने उसे फाड़ चेहरा निकाल दिया था। अहिरवार समाज के पदाधिकारियों ने थाना लिधौरा जाकर अासामाजिक तत्वों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई और कहा कि यदि 24 घंटे के अंदर आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया उग्र आंदोलन किया जाएगा।