
पुलिस द्वारा बताई गई कहानी के अनुसार 55 साल का भगवती लाल पाटीदार 7 मई 2007 को अपने एक रिश्तेदार की 15 वर्षीय बेटी को करियर बनाने के बहाने मंदसौर लेकर आया। वादा किया कि उसे बेटी बनाकर रखेगा। पढ़ाई का खर्चा भी उठाएगा। मेघदूत नगर स्थित अपने मकान में उसे आसरा दिया लेकिन उसकी नियत खराब थी। जब सबकुछ प्लानिंग के अनुसार हो गया तो एक दिन मौका देखकर उसने युवती के साथ बलात्कार कर डाला। फिर वादा किया कि उसका भविष्य चौपट नहीं होने देगा और यह मकान उसके नाम कर देगा। इसके बार आए दिन शारीरिक संबंध बनाता रहा। बातों में फुसलाकर उसने लिव इन रिलेशनशिप शुरू कर दी। 2015 में 23 वर्ष की उम्र में युवती गर्भवती हो गई और 31 मार्च 2016 को उसने मनासा के एक नर्सिंग होम में एक बेटी को जन्म दिया। भगवतीलाल ने उसे अपनी बेटी स्वीकार किया लेकिन इसके बाद विवाद शुरू कर दिए और पीड़िता को उसकी बेटी समेत घर से निकाल दिया। पीड़िता ने बताया कि भगवतीलाल पाटीदार उसे अफीम के केस में फंसाने की धमकी देता था, इसलिए वो डरी हुई थी।
वायडी नगर टीआई जितेंद्रसिंह सिसौदिया ने बताया कि मनासा तहसील के ग्राम बर्डिया निवासी 25 वर्षीय युवती ने अपने साथ हुई ज्यादती की शिकायत 25 अक्टूबर को एसपी से की थी। इस मामले में 29 अक्टूबर को पुलिस ने भगवतीलाल पिता मांगीलाल पाटीदार (55) निवासी गरोड़ा थाना भावगढ़ के विरुद्ध भादसं की धारा 376(2)(एन), 376(2)(एफ), 506 व अजा-अजजा अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा 3(2)(5), 3(1) (एस) में प्रकरण दर्ज किया था। शुक्रवार शाम को डेढ़ माह से फरार आरोपी भगवतीलाल पाटीदार को पुलिस ने गिरफ्तार किया।