
सीएसपी गोपाल धाकड़ के मुताबिक, आश्रम गुजरात की एक ट्रस्ट का है। जबलपुर का रहने वाला बाबा अवधेशदास जोशी (38) इसकी देखरेख करता है। इसी आश्रम में एक व्यक्ति अपनी मां और पांच बच्चों के साथ रहकर काम करता था। कुछ माह पहले पिता को पैसों की जरूरत आई तो उसने बाबा से उधार पैसे मांगे। बाबा ने उसे 7000 हजार रुपए दे दिए लेकिन बच्चों को गिरवी रख लिया। पिता सनावद स्थित गांव चला गया। कुछ दिनाें बाद एक बच्चे को लेकर दादी भी गांव चली गई।
ऐसे हुआ खुलासा
बच्ची ने अपनी आपबीती स्कूल में अपने सहेलियों को बताई तो सहेलियों ने उसे मुक्त कराने के लिए चंदा इकट्ठा करना शुरू कर दिया। यह बात स्कूल की महिला शिक्षकों तक पहुंची। छात्रा बेगमखेड़ी स्थित एक स्कूल में आठवीं में पढ़ती है। उसने सहेलियों को बाबा की करतूत के बारे में बताया। सहेलियां छात्रा को मुक्त कराने के लिए पैसे इकट्ठा कर रही थीं। शिक्षिकाओं ने पीड़ित छात्रा से इस बारे में पूछा। फिर एक एनजीओ से संपर्क किया। एनजीओ ने मामला डीआईजी तक पहुंचाया। डीआईजी ने मामले की जांच सीएसपी धाकड़ को दी। उन्होंने महिला पुलिस कर्मियों की मदद से छात्रा के बयान लिए। छात्रा ने बताया कि वे तीन बहनें एक भाई हैं। रात में बाबा उसे अपने पास सुलाता था और अश्लील हरकतें करता था। इस दौरान उसके छोटे भाई-बहन भी वहीं रहते थे।