नई दिल्ली। उत्तराखंड सरकार के लिए तनाव भरी खबर है। हरिद्वार के रोशनाबाद जिला कारागार से खबर आ रही है कि जेल में बंद 16 कैदी एचआईवी पीड़ित हैं। सवाल यह है कि जेल में बंद कैदी एड्स पीड़ित कैसे हो गए। जेल के अंदर आखिर ऐसा क्या होता है जो कैदियों को एड्स पीड़ित बना रहा है। लोकल मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जेल प्रशासन इस बारे में कोई बयान नहीं दे रहा है वहीं जिलाधिकारी दीपक रावत ने सभी कैदियों के उपचार करवाए जाने की बात कही है। इस मामले में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि मामले की जांच करवाई जा रही है। जांच में यह बात भी पता की जाएगी कि कैदी एड्स के पीड़ित कैसे हुए। बता दें कि एड्स पीड़ित कैदियों में ज्यादातर युवा हैं।
राज्य एड्स कंट्रोल सोसायटी द्वारा हाल ही में हरिद्वार जिला कारागार में कैदियों की जांच में ये खुलासा हुआ। खुलासे के बाद इन कैदियों का उपचार शुरू कर दिया गया। जेल प्रबंधन फिलहाल इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहा है। जिले के एचआईवी नोडल अधिकारी अजय कुमार ने खुद 16 कैदियों में एचआईवी पॉजिटिव होने की पुष्टि की है।
गौरतलब है कि मौजूदा समय में जिला जेल में कुल 1175 कैदी बंद है, जिनमें से लगभग 450 विचाराधीन हैं। सूत्रों के मुताबिक केवल पुरूष कैदियों में ही एचआईवी पॉजिटिव पाया गया है। इनमें कई विचाराधीन कैदी भी शामिल हैं। डीएम दीपक रावत से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि जुलाई माह में देहरादून के नार्को विभाग में कैदियों की जांच कराई गई थी, जिनमें एड्स की पुष्टि हुई है। साथ ही कहा कि पीड़ित कैदियों का पूरा उपचार कराया जा रहा है।