
यह उल्लेखनीय है कि उक्त आदिवासी को बांग्लादेश पुलिस ने बोगरा जिला के शेरपूर थाना क्षेत्र के अंतर्गत हिरासत में लिया है। ढाका उच्च आयोग से 6 दिसंबर 2017 को प्राप्त संदेश के आधार पर जिला प्रशासन ने एक दल बनाकर वृद्ध रामसिंग के परिजनों से उसके संबंध में जानकारी हासिल कर ढाका उच्च आयोग को प्रेषित की गई है साथ ही उसकी रिहाई को लेकर शासन स्तर पर पत्र भी जारी किया है।
वृद्ध के परिजनों ने जांच दल को अवगत कराया रामसिंग अपनी पूत्री के घर से बिना बताये ही 2 वर्ष पहले चला गया था। एडीएम शिवगोविद मरकाम ने अवगत कराया की ढाका उच्च आयोग से प्राप्त संदेश के आधार पर रामसिंग की राष्ट्रीयता से संबंधित जानकारी मांगी गई थी जिसके आधार पर आवश्यक जानकारी एकत्रित कर ढाका उच्चायोग को प्रेषित की जा चूकि है।
उन्होने बताया की उक्त वृद्ध अपनी पूत्री के यहां निवास करता था और बिना बताये 2 साल पूर्व कहीं चला गया। उसके परिजनों ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज नही कराई। उन्होने बताया की उसकी रिहाई के लिये विदेश मंत्रालय के माध्यम से कार्यवाही की जायेगी ताकि वह स्वदेश लौट सके।