नई दिल्ली। 2जी केस में सीबीआई की विशेष कोर्ट द्वारा ए राजा समेत सभी आरोपियों को बरी करने के बाद इस मामले पर राजनीतिक घमासान शुरू हो चुका है। राज्यसभा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जिस कथित घोटाले की वजह से हम सत्ता से बाहर हुए, वास्तव में वैसा कुछ घोटाला हुआ ही नहीं है। उन्होंने बीजेपी से इस मसले पर जवाब देने को कहा। इस पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पलटवार करते हुए कहा कि कोर्ट के फैसले को कांग्रेस सटिफिकेट नहीं समझे।
जेटली ने कहा कि कांग्रेस के नेता तो इस फैसले को सम्मान पत्र समझ रहे हैं और यह जताने की कोशिश कर रहे हैं कि स्पेक्ट्रम आवंटन में जिन नीतियों को अपनाया गया, वो जैसे कि ईमानदार नीतियां थीं? जबकि वास्तव में सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में सभी स्पेक्ट्रम आवंटन को रद कर दिया था। आवंटन की तत्कालीन पॉलिसी को भी रद कर दिया गया था और पाया गया कि सरकार को उससे नुकसान हुआ है। उसके बाद कोर्ट ने सरकार को इस संबंध में नई नीति बनाने को कहा। जब उनसे यह पूछा गया कि क्या सरकार इस फैसले के खिलाफ अपील करेगी तो जेटली ने कहा कि निश्चित रूप से जांच एजेंसियां इस मामले को देखेंगी और उसके बाद निर्णय करेंगी।
हाईकोर्ट में जाना चाहिए
वहीं दूसरी ओर इस मामले के पैरोकार और बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि फैसले के खिलाफ सरकार को हाई कोर्ट में अपील करनी चाहिए। स्वामी की जनहित याचिका पर 2जी घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी।
कोर्ट का फैसला हकीकत बता रहा है
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अदालती फैसले के बाद कहा कि 'आरोप खराब नीयत से लगाए गए थे और यूपीए सरकार के खिलाफ प्रोपेगैंडा फैलाया गया था। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस बहुचर्चित घोटाले में दिल्ली की विशेष अदालत के फैसले के बाद प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस घोटाले को लेकर आरोप खराब नीयत से लगाए गए थे। यूपीए सरकार के खिलाफ प्रोपेगैंडा फैलाया गया था। उन्होंने आगे कहा कि, 'कोर्ट के फैसले से आरोप बेबुनियाद साबित हुए। फैसला अपने आप में सब कहता है।
कोई घोटाला हुआ ही नहीं था: कपिल सिब्बल
अदालत के इस फैसले के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल की तरफ से प्रतिक्रिया आई और उन्होंने कहा कि 'मेरी बात सही साबित हुई। मैंने पहले ही कहा था कि कोई घोटाला हुआ ही नहीं था। सिब्बल ने कहा कि 'मैंने पहले ही कहा था कि 2जी स्पेक्ट्रम के आवंटन में कोई घोटाला नहीं हुआ था। मेरी जीरो लॉस की थ्योरी साबित हुई।' उन्होंने आगे कहा, तत्कालीन सीएजी विनोद राय माफी मांगे। घोटाले को लेकर शक का माहौल पैदा किया गया। वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि घोटाले की बात गलत थी, आज यह साबित हो गया।
कनिमोझी ने कहा-'सभी का धन्यवाद'
2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में गुरुवार को पटियाला हाऊस की विशेष अदालत द्वारा बरी किए जाने के फैसले के बाद डीएमके सांसद कनिमोझी काफी खुश नज़र आईं। इस फैसले के बाद कनिमोझी ने 'सभी का धन्यवाद' किया।
क्या हुआ कोर्ट में
1.76 लाख करोड़ रुपये के 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के छह साल बाद सीबीआई की विशेष कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि सरकारी वकील आरोप साबित करने में आरोप नाकाम रहे। कोर्ट ने यह भी कहा कि सीबीआई आरोप साबित करने में नाकाम रही। इस मामले में डीएमके नेता ए राजा, डीएमके सांसद कनिमोझी समेत 17 आरोपी रहे। कोर्ट के फैसले के बाद बचाव पक्ष के वकील हरिहरन ने कहा कि सारा मामला धारणा पर आधारित था। कोर्ट ने पाया कि इस संबंध में कोई भी सबूत पेश नहीं किया जा सका। लिहाजा सभी आरोपियों को बरी किया जाता है।