![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjjH6vNLxl8Vi6glePebTmc7jeFQKPw9r-Pzz7UnDlCYWgcPCBhdaxBkcOLJKgLna4mP4hb_U3q4m2zW_SCbZDUcn_K0PgATOoO4HsQKm8MeiEz1iYussRF2dE8lkP0dZ6PqRUIdpEB1n4/s1600/55.png)
आमदनी के स्त्रोत मे वृद्धि होगी। शनि की चतुर्थ व सप्तम स्थान मे दृष्टि कामकाज की अधिकता के कारण सुख चैन पारिवारिक आनंद मे कमी करेगी।
गुरु ग्रह के उपाय
इस राशि का स्वामी गुरु है जो की धर्म अध्यात्म, ज्ञान और मोक्ष का कारक है। भगवान दत्तात्रेय तथा उनके अवतारों की पूजा तथा किसी भी जीव को अन्नदान करने से आपके जीवन मे उन्नति और सफलता प्राप्त होगी, व्यवसाय मे उन्नति परिवार मे वृद्धि होगी।
शनि ग्रह के लिये
मीन राशि के लिये केन्द्र स्थान मे शनि की स्थिति शुभ मानी जाती है। जो वर्तमान मे है आर्थिक उन्नति के योग बनेंगे, नवीन कार्य व्यापार मे उन्नति के योग, शनि की अनुकूलता के लिये मछलियों को भोजन दें, पीपल की सेवा करें।
राहु का असर एवं उपाय
इस राशि के लिये अभी पंचम स्थान मे राहु महाराज विद्यमान है। इस स्थान मे बैठकर वे संतान, शिक्षा उदर विकार तथा बुद्धि विकार, गलत संगत देते है, इसके लिये भगवान कालभैरव की पूजा करें, सफाईकर्मी को पैसा व अन्न दें, नाग भगवान की सेवा पूजा करें।
केतु का प्रभाव एवं उपाय
लाभ स्थान मे केतु आमदनी के स्त्रौत्र मे वृद्धि तथा आकस्मिक धनलाभ प्रदान करेगा, छोटे शिशु या जीव की सेवा करें, भगवान गणेश का पूजन करें।
महिलाओं के लिये
यह वर्ष इस राशि की महिलाओ के लिये शुभ फल देने वाला है। मांगलिक कार्यों के प्रबल योग बनेंगे, आप अविवाहित है तो विवाह के योग सकते है, प्रेमी से टकराव हो सकता है, मित्रों से मतभेद का योग, संतानपक्ष सम्बंधी समस्याओं को लेकर विशेष मेहनत करनी पड़ेगी, उनकी समस्याओं को समझकर निराकरण करें, यह वर्ष आपके नौकरी, व्यापार मे आकस्मिक लाभ दे सकता है। आमदनी के योग मे वृद्धि होगी, निवेश आदि के लिये उत्तम समय, विशेषज्ञों की सलाह से किया गय़ा निवेश शुभ परिणाम देगा, यह वर्ष आपके लिये सफलतादायक है।
व्यापारी वर्ग
इस राशि के लिये वर्ष विशेष सफलतादायक रहेगा, इस वर्ष आपको आर्थिक क्षेत्रों मे अच्छा लाभ हो सकता है वित्तीय स्थिति उतरोत्तर सुधरेगी। आर्थिक क्षेत्र मे साझीदारी, नवीन व्यापार निवेश आदि के लिये समय शुभ है। संभालकर खर्च करेंगे तो लाभ की स्थिति रहेगी। बाहरी क्षेत्र के व्यापार से भाग्यवर्धक सफलता प्राप्त होगी, विदेश व्यापार से विशेष लाभ का योग, लोहा, प्रॉपर्टी, तेल, भवन निर्माण आदि के कार्यों मे विशेष लाभ के योग, यात्रा फलित होगी, नवीन कार्यों का विस्तार होगा, साझीदारी से जुड़े कार्यों मे लाभ का योग।
कर्मचारी वर्ग
इस वर्ग के लिये यह विशेष लाभकारी रहेगा जिम्मेदारी और काम के बोझ मे कमी आयेगी, विवादों कोर्ट कचहरी के कार्यों मे विजय प्राप्ति के योग, षडयंत्र आदि की जानकारी मिलेगी शत्रुपक्ष पस्त होगा। पुराने किसी प्रकरण से आपको निजात मिल सकती है, कर्मक्षेत्र, रोजगार मे उन्नति,पदोन्नति का योग, शुभ समय का लाभ लें।
विद्यार्थी वर्ग
इस वर्ष आपको शिक्षा के क्षेत्रों मे कड़ी मेहनत का सामना करना पड़ेगा। प्रतिद्वंदीता आदि के लिये तैयार रहें। एकाग्रता से अपनी शिक्षा पर ध्यान दें। खुद पर भरोसा करना पड़ेगा, व्यर्थ की यात्रा आदि से बचें तो शिक्षा के क्षेत्र मे अच्छा लाभ होगा। एकाग्रता के लिये ध्यान करें जो आपको विवेकपूर्ण निर्णय लेने मे मदद करेगा,। ध्यान आदि से अनुकुल परिणाम प्राप्त होंगे, प्रतियोगिता परीक्षा से चयन मे संघर्ष के बाद सफलता का योग। इस वर्ष नौकरी, रोजगार के लिये दी गई परीक्षा मे आपको भाग्य से विशेष मदद मिलेगी। गुरु की भाग्य भाव मे स्थिति गुरुजनों से मदद के संकेत दे रहा है, आलस्य, विलासिता, प्रेम सम्बन्ध आदि मे इस वर्ष संयम बरतें। यदि इस वर्ष आप बेहतरीन परिणाम चाहते है तो एकाग्रचित्त रहें और कड़ी मेहनत करें।
विद्यार्थी वर्ग: विशेष उपाय
नाग मंदिर जाकर नाग देवताओं की सेवा पूजा करें। चाँदी के सर्प दान करें। नवनाग स्त्रोत का पाठ करें, पंचमी के दिन नाग की विशेष पूजा करें।
विद्यार्थी वर्ग: राहु पीड़ा से मुक्ति
इस वर्ष राहु महाराज की आपके पंचम भाव मे स्थिति है, जो शिक्षा मे व्यवधान दे सकती है,इसके लिये शनिवार को हनुमानजी को दीपक तथा पीपल के पेड़ की सेवा अवश्य करें।
स्वास्थ्य
इस वर्ष स्वास्थ्य की दृष्टि से आपको अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे, शनि की लाभ स्थान मे स्थिति और छठा राहु आपको निरोग व स्वस्थ करेगा, आने वाला वर्ष आपको पुरानी बीमारियों से छुटकारा दिला सकता है, यदि आप किसी स्वास्थ्य सम्बंधी समस्या से ग्रस्त है तो कुशल चिकित्सक की सलाह लें, आहार विहार मे संयम बरतें, आपको अच्छा लाभ होगा।
वास्तु और दिशा
इस राशि के लिये उत्तर दिशा शुभ होती है खासकर इस वर्ष इस दिशा मे यात्रा आदि आपको बेहतरीन परिणाम दे सकती है। दक्षिण पश्चिम दिशा मे जाकर किया गय़ा कार्य अच्छे परिणाम देगा, आग्नेय दिशा आपके लिये अशुभ है। इसीलिये इस दिशा मे यात्रा आपके लिये कष्टप्रद व हानिकारक हो सकती है।
पूजा पाठ, इष्ट आराधना
आपके इष्ट भगवान दत्तात्रेय हैं। इनकी सेवा से आपके सभी मनोरथ सिद्ध होंगे, शनि राहु केतु जनित कष्टों से बचने के लिये आपको भगवान कालभैरव की पूजा करनी चाहिये।
प.चंद्रशेखर नेमा"हिमांशु"
9893280184,7000460931