इस राशि का स्वामी गुरु लाभ भाव मे तुला राशि मे है। जनता, धर्म, अध्यात्म, ज्ञान, शिक्षा के क्षेत्र मे खास सफलता का योग। आमदनी के क्षेत्र मे विशेष सफलता प्राप्त होगी। शिक्षक, सलाहाकार, वकील आदि लोगो के लिये शुभ समय। आप सभी को अपने कार्यों मे विशेष सफलता प्राप्त होगी। इस बार यह राशि शनि के मध्यकाल के प्रभाव मे आ चुकी है। इसका प्रभाव निश्चित रूप से इस राशि वालो के जीवन मे दृष्टिगोचर होगा। परिवार, व्यापार, कर्मक्षेत्र, नौकरी मे कठिनाइयां आपके धैर्य की परीक्षा लेगी। व्यापार, नौकरी मे प्रतिद्वंदी से निपटना पड़ेगा। इस समय आपको अपने बुद्धि विवेक का इस्तेमाल कर समय को निकालना पड़ेगा।
शनि कष्ट मुक्ति के लिये क्या करें
शनि महाराज आपके किसी भी कार्य मे रुकावट डालेंगे। परिवार व्यापार मे किया सहयोगियों से मनभेद को प्रेम से समझें। कर्मक्षेत्र मे आ रही रूकावटों को धैर्य से हल करें। पीपल के पेड़ की सेवा करें। हनुमानजी के मंदिर मे दीपक लगाये। सुंदरकांड का पाठ करें। शनि ग्रह के वैदिक मन्त्रों का जप करवाकर शांति कराये।
राहु केतु इस समय अष्टम और दूसरे भाव मे आ चुके है। राहु अष्टम स्थान मे गुप्त शत्रु षडयंत्र या पीडा दे सकता है। जलजन्तु ,चौपायों से दूर रहें, कीडे, मकोडे, विषैले जीव के काटने पर लापरवाही न बरतें।
राहु शांति के उपाय
राहु ग्रह के जाप करायें, किसी सफाईकर्मी को कुछ पैसा देते रहे तो लाभ होगा। कालभैरव की पूजा करें, राहु ग्रह के मन्त्रों की वैदिक शांति कराये।
केतु इस समय आपके दूसरे स्थान मे भ्रमण कर रहा है आर्थिक क्षेत्र मे अचानक धन हानि के योग बनेंगे,खानपान मे धैर्य रखें,किसी भी निवेश आदि से बचें,किसी को धन उधार न दें।
केतु ग्रह शांति के उपाय
आर्थिक क्षेत्र मे सोच समझकर कार्य करें, केतु ग्रह की शांति जप और हवन कराएं, भगवान गणेश का पूजन करें, कुत्तों को रोटी दे।
महिलाओं के लिये
यह वर्ष इस राशि की महिलाओं के लिये अच्छी सफलता देने वाला है। मांगलिक कार्यों के प्रबल योग बनेंगे, आप अविवाहित है तो विवाह के योग बनेंगे, थोड़ी दिक्कतों के बाद वैवाहिक और मांगलिक कार्यों मे सफलता प्राप्त होगी। नौकरी, व्यापार मे भी अच्छा लाभ प्राप्त होगा, किसी निवेश आदि से दूर रहें, षडयंत्र आदि से बचें।
व्यापारी वर्ग
इस राशि के लिये वर्ष मिश्रित सफलतादायक रहेगा, इस वर्ष आपको थोड़ी आर्थिक परेशानी हो सकती है। वित्तीय स्थिति डांवाडोल रहेगी। आर्थिक क्षेत्र मे सावधानी बरतें, नवीन व्यापार निवेश आदि के लिये समय ठीक नही संभालकर खर्च करेंगे तो लाभ की स्थिति रहेगी। बाहरी क्षेत्र के व्यापार से भाग्यवर्धक सफलता प्राप्त होगी। दूर के व्यापारियों से मदद मिलेगी। यात्रा फलित होगी, नवीन कार्यों का विस्तार होगा। साझीदारी से जुड़े कार्यों से दूर रहें।
कर्मचारी वर्ग
इस वर्ग के लिये यह वर्ष थोड़ा कष्टकारी रहेगा। जिम्मेदारी और काम का बोझ मे वृद्धि होगी, विवादों दूर रहें, कोर्ट कचहरी के कार्यों मे समय व्यतीत होगा। षडयंत्र आदि से सावधान रहें, आप किसी प्रकरण मे उलझ भी सकते है।
विद्यार्थी वर्ग
इस वर्ष आपको विशेष मेहनत करना पड़ेगी, गुरुजनों की मदद मिलेगी प्रतियोगि परीक्षार्थी, विधार्थियों के लिये यह वर्ष शुभ रहेगा। मेहनत से अनुकुल परिणाम प्राप्त होंगे, प्रतियोगिता परीक्षा से चयन मे संघर्ष के बाद सफलता का योग, इस वर्ष नौकरी,रोजगार के लिये दी गई परीक्षा मे आपको भाग्य से विशेष मदद मिलेगी, लग्नेष गुरु की लाभ भाव मे स्थिति तथा पंचम भाव मे दृष्टि शिक्षा सम्बंधी कारणों से विशेष लाभ के संकेत दे रहा है। आलस्य, विलासिता, प्रेम सम्बन्ध दोस्ती यारी आपके लिये हानिकारक है इन सबसे बचें यदि इस वर्ष आप बेहतरीन परिणाम चाहते है तो एकाग्रचित्त रहें और कड़ी मेहनत करें।
स्वास्थ्य
इस वर्ष स्वास्थ्य की दृष्टि से आपको थोड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। जोडो मे दर्द, गुप्त रोग से पीडा, गलत जांच से गलत चिकित्सा से स्वास्थ्य हानि हो सकती है। इसीलिये विशेष सावधानी बरतें, गुप्त रोग आदि से सावधानी बरतें।
वास्तु और दिशा
इस राशि के लिये उत्तर दिशा शुभ होती है। खासकर इस वर्ष इस दिशा मे यात्रा आदि आपको बेहतरीन परिणाम दे सकती है। दक्षिण पश्चिम दिशा मे जाकर किया गय़ा कार्य भी अच्छे परिणाम नही देगा। इसीलिये इन दिशाओं मे यात्रा आदि से बचें।
पूजा पाठ, इष्ट आराधना
आपके इष्ट देव भगवान दत्तात्रेय तथा हनुमानजी हैं। इनकी सेवा से आपके सभी मनोरथ सिद्ध होंगे, शनि राहु केतु जनित कष्टों से बचने के लिये आपको कालभैरव की पूजा करनी चाहिये।
*प.चंद्रशेखर नेमा"हिमांशु"*
9893280184,7000460931