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शनि ग्रह की कृपा के लिये क्या करें
शनि महाराज आपकी राशि का स्वामी है इसीलिए आपके किसी भी कार्य मे रुकावट नही डालेंगे।
इस समय शनि महाराज लाभ भाव से भ्रमण कर रहें, इसीलिये स्थिति अत्यंत अनुकुल है।
आमदनी के स्त्रोत अच्छा लाभ देंगे, नवीन नौकरी, नये व्यापार के लिये प्रयास करें, व्यापार मे आर्थिक लाभ मे विशेष वृद्धि का योग, धन योग प्रबल, किसी गरीब की चिकित्सा सम्बंधी मदद करें।
राहु केतु
राहु केतु इस समय छठे और व्यय भाव मे हैं। छठा राहु परम योगकारी होता है, इस भाव मे राहु के आने से शत्रु, रोग, बीमारी आदि का नाश होता है। पुराने प्रकरणों मे लाभ होता है। वहीं व्यय भाव मे स्थित केतु योग, आध्यात्म की ओर मन ले जाता है। सांसारिक समस्याओं से मुक्ति के लिये चिंतन मे वृद्धि होगी। संतान, मित्र आदि के लिये चिंता रहेगी।
राहु शांति के उपाय
राहु ग्रह के जाप कराएं, किसी सफाईकर्मी को कुछ पैसा देते रहे तो लाभ होगा। कालभैरव की पूजा करें, राहु ग्रह के मन्त्रों की वैदिक शांति कराये।
केतू ग्रह का प्रभाव
इस समय आपके व्यय स्थान मे भ्रमण कर रहा है। शारीरिक तकलीफ के योग, शल्य चिकित्सा (ऑपरेशन) का विकल्प बहुत कठिन स्थिति मे चुने। ध्यान साधना आपको अच्छॆ परिणाम देंगी।
केतु ग्रह शांति के उपाय
बाहरी क्षेत्रों मे यात्रा सोच समझकर करें। परदेश मे पूर्ण जानकारी तथा विशेष सावधानी रखें। केतु ग्रह की शांति जप और हवन कराएं, भगवान गणेश का पूजन करें, कुत्तों को रोटी दे।
महिलाओं के लिये
यह वर्ष इस राशि की महिलाओ के लिये शुभ फल देने वाला है। मांगलिक कार्यों के प्रबल योग बनेंगे। आप अविवाहित है तो विवाह के योग सकते है। प्रेमी से टकराव हो सकता है, मित्रों से मतभेद का योग, संतानपक्ष सम्बंधी समस्याओं को लेकर विशेष मेहनत करनी पड़ेगी। उनकी समस्याओं को समझकर निराकरण करें। यह वर्ष आपके नौकरी, व्यापार मे आकस्मिक लाभ दे सकता है, आमदनी के योग मे वृद्धि होगी, निवेश आदि के लिये उत्तम समय, विशेषज्ञों की सलाह से किया गय़ा निवेश शुभ परिणाम देगा, यह वर्ष आपके लिये सफलतादायक है।
व्यापारी वर्ग
इस राशि के लिये वर्ष विशेष सफलतादायक रहेगा, इस वर्ष आपको आर्थिक क्षेत्रों मे अच्छा लाभ हो सकता है। वित्तीय स्थिति उतरोत्तर सुधरेगी। आर्थिक क्षेत्र मे साझीदारी, नवीन व्यापार निवेश आदि के लिये समय शुभ है। संभालकर खर्च करेंगे तो लाभ की स्थिति रहेगी। बाहरी क्षेत्र के व्यापार से भाग्यवर्धक सफलता प्राप्त होगी, विदेश व्यापार से विशेष लाभ का योग, लोहा, प्रॉपर्टी, तेल, भवन निर्माण आदि के कार्यों मे विशेष लाभ के योग, यात्रा फलित होगी, नवीन कार्यों का विस्तार होगा, साझीदारी से जुड़े कार्यों मे लाभ का योग।
कर्मचारी वर्ग
इस वर्ग के लिये यह विशेष लाभकारी रहेगा। जिम्मेदारी और काम के बोझ मे कमी आयेगी।
विवादों कोर्ट कचहरी के कार्यों मे विजय प्राप्ति के योग। षडयंत्र आदि की जानकारी मिलेगी शत्रुपक्ष पस्त होगा। पुराने किसी प्रकरण से आपको निजात मिल सकती है, कर्मक्षेत्र, रोजगार मे उन्नति, पदोन्नति का योग, शुभ समय का लाभ लें।
विद्यार्थी वर्ग
इस वर्ष आपको शिक्षा के क्षेत्रों मे कड़ी मेहनत का सामना करना पड़ेगा,प्रतिद्वंदीता आदि के लिये तैयार रहें,एकाग्रता से अपनी शिक्षा पर ध्यान दें,खुद पर भरोसा करना पड़ेगा,व्यर्थ की यात्रा आदि से बचें तो शिक्षा के क्षेत्र मे अच्छा लाभ होगा,एकाग्रता के लिये ध्यान करें जो आपको विवेकपूर्ण निर्णय लेने मे मदद करेगा,ध्यान आदि से अनुकुल परिणाम प्राप्त होंगे, प्रतियोगिता परीक्षा से चयन मे संघर्ष के बाद सफलता का योग, इस वर्ष नौकरी, रोजगार के लिये दी गई परीक्षा मे आपको भाग्य से विशेष मदद मिलेगी, गुरु की भाग्य भाव मे स्थिति गुरुजनों से मदद के संकेत दे रहा है, आलस्य ,विलासिता,प्रेम सम्बन्ध आदि मे इस वर्ष संयम बरतें,यदि इस वर्ष आप बेहतरीन परिणाम चाहते है तो एकाग्रचित्त रहें और कड़ी मेहनत करें।
शनि पीड़ा से मुक्ति
इस वर्ष शनि महाराज की आपके पंचम भाव मे दृष्टि है,जो शिक्षा मे व्यवधान दे सकती हैं।
इसके लिये शनिवार को हनुमानजी को दीपक तथा पीपल के पेड़ की सेवा अवश्य करें।
स्वास्थ्य
इस वर्ष स्वास्थ्य की दृष्टि से आपको अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे, शनि की लाभ स्थान मे स्थिति और छठा राहु आपको निरोग व स्वस्थ करेगा, आने वाला वर्ष आपको पुरानी बीमारियों से छुटकारा दिला सकता है, यदि आप किसी स्वास्थ्य सम्बंधी समस्या से ग्रस्त है तो कुशल चिकित्सक की सलाह लें,आहार विहार मे संयम बरतें, आपको अच्छा लाभ होगा।
वास्तु और दिशा
इस राशि के लिये दक्षिण पश्चिम दिशा शुभ होती है। खासकर इस वर्ष इस दिशा मे यात्रा आदि आपको बेहतरीन परिणाम दे सकती है। दक्षिण पश्चिम दिशा में जाकर किया गय़ा कार्य अच्छे परिणाम देगा। उत्तर दिशा आपके लिये अशुभ है। इसीलिये इस दिशा मे यात्रा आपके लिये कष्टप्रद व हानिकारक हो सकती है।
पूजा पाठ, इष्ट आराधना
आपके इष्ट देवी मां लक्ष्मी तथा इष्ट देवताओं कालभैरव है। इनकी सेवा से आपके सभी मनोरथ सिद्ध होंगे, शनि राहु केतु जनित कष्टों से बचने के लिये आपको भगवान कालभैरव की पूजा करनी चाहिये।
प.चंद्रशेखर नेमा"हिमांशु"
9893280184,7000460931