
पुलिस के मुताबिक जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। जानकार अभी से इस स्कैंडल को व्यापमं और पीएमटी फर्जीवाड़े जैसा बता रहे हैं। जांच के बाद कई बड़े पुलिस अफसरों और सफेदपोशों के चेहरे बेनकाब होने का आशंका भी जाहिर कर रहे हैं। उधर, भोपाल से फरार पुलिस वालों की तलाश के लिए गृह मंत्रालय के निर्देश पर एसटीएफ की 3 टीमें बनाई गईं हैं।
जबकि जबलपुर एसपी शशिकांत शुक्ला ने छठवीं बटालियन में हुए फर्जीवाड़े की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है। जिसमें खितौला टीआई राजेन्द्र मसकोले, एसआई सतीश झारिया, प्रधान आरक्षक राजवीर, शैलेन्द्र पटेल, भूपेन्द्र रावत, महेन्द्र पटेल के अलावा रांझी टीआई मधुर पटैेरिया और उनकी टीम भी शामिल है। जबलपुर की एसआईटी सीएसपी रांझी अखिल वर्मा के दिशा-निर्देश पर जांच करेगी।
ऐसे करते थे फर्जीवाड़ा
सूत्रों के अनुसार इस फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड 23वीं बटालियन भोपाल में पदस्थ एसआई महेन्द्र सिंह है। महेन्द्र आरक्षक भर्ती में शामिल होने वाले उम्मीदवारों से 2 से 5 लाख रुपए लेकर उनकी फर्जी आईडी बनाने के बाद सॉल्वर का इंतजाम करता था। महेन्द्र के संपर्क में अलग-अलग बटालियन में पदस्थ पुलिस कर्मियों को उम्मीदवारों के नाम भेज दिए जाते थे। फर्जी आईडी लेकर पहुंचने वालों को महेन्द्र के साथी बिना जांच के ही परीक्षा में शामिल करा देते थे।
ड्यूटी चेंज होने से पकड़े गए
छठवीं बटालियन में तीन दिन पहले पकड़े गए योगेश गुर्जर और मनीष पांडे भी महेन्द्र के इशारे पर परीक्षा देने पहुंचे थे लेकिन इस बार एसएएफ अधिकारियों ने जांच करने वालों की अचानक ड्यूटी में बदल दी। इसी वजह से मनीष पांडे और योगेश गुर्जर पकड़े गए।
चारों आरोपियों से कड़ी पूछताछ
मनीष पांडे और योगेश गुर्जर की गिरफ्तारी के बाद मंगलवार को एसएएफ प्रशासन ने भिंड निवासी राहुल पांडे की जगह परीक्षा देने पहुंचे आगरा निवासी राहुल गुर्जर को पकड़कर रांझी पुलिस के हवाले किया था। पुलिस ने चारों आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। इस मामले में फिरोजाबाद के जितेन्द्र और कानपुर के सत्यम कटियार व उपेन्द्र सिंह के नाम सामने आए हैं जो फर्जी आईडी बनाने का काम करते थे।
हाईकोर्ट परिसर से पकड़े गए तीन संदिग्धों को पूछताछ के बाद छोड़ा
मंगलवार की दोपहर हाईकोर्ट परिसर में पकड़े गए 4 संदिग्धों में से 3 को पुलिस ने पूछताछ के बाद छोड़ दिया है। जबकि एक संदिग्ध को हिरासत में लेकर पूछताछ चल रही है। पुलिस का कहना है कि जिन 3 संदेहियों को छोड़ा गया वे लोग मनीष पांडे और योगेश गुर्जर के रिश्तेदार थे, जो उनकी जमानत के लिए हाईकोर्ट पहुंचे थे। एसटीएफ भोपाल की टीम संदिग्धों की तलाश करते हुए जबलपुर पहुंची थी, जिन्होंने क्राइम ब्रांच की टीम के साथ हाईकोर्ट परिसर से इन्हें हिरासत में लिया था।
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छठवीं बटालियन में आरक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में अब तक कुल 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। सभी से पूछताछ की जा रही है। मंगलवार को हाईकोर्ट में एसटीएफ द्वारा हिरासत में लिए गए संदिग्धों में से 3 के खिलाफ किसी तरह के प्रमाण नहीं मिले, लिहाजा उन्हें छोड़ दिया गया। इस मामले को लेकर एक विशेष टीम बनाई गई है, जो रांझी सीएसपी के मार्गदर्शन में जांच कर रही है।
शशिकांत शुक्ला, एसपी