
यह दुनिया के देशों में चल रही आंतरिक राजनीति, राजनीति में अवसरवादिया और सच्ची देशभक्ति के अध्ययन का समय है। इराक के पीएम हैदर अल-अबादी ने भी एक कॉन्फ्रेंस में आईएस के खिलाफ लड़ाई के अंत की घोषणा कर दी। अबादी ने दावा किया कि सेना ने सीरिया से लगे पूरे बॉर्डर को पूरी तरह अपने कब्जे में ले लिया है। बता दें कि आईएस ने 2014 में ही इराक के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया था, जिसके बाद करीब 2 साल पहले इराकी सेना ने आतंकी ठिकानों पर हमले तेज कर दिए थे।
मजबूत इरादों से मिली जीत
बगदाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम अबादी ने कहा “हमारी सेना ने पूरे इराक-सीरिया बॉर्डर को अपने नियंत्रण में ले लिया है तो मैं ऐलान करता हूं कि दाएश (आईएस) के खिलाफ हमारी जंग अब खत्म हो गई है। दुश्मन इराकी सभ्यता को खत्म कर देना चाहते थे, लेकिन मजबूत इरादों और एकता के दम पर हमने कम समय में ही जीत हासिल कर ली।
अमेरिका ने भी की मदद
इराक की सरकार ने जब अपने मजबूत इरादे जाहिद किए तो अमेरिका भी मदद करने आगे आ गया। सेना ने करीब 2 साल पहले अमेरिकी कोलिशन के साथ आईएस के खिलाफ ऑपरेशन शुरु कर दिए थे। इसी साल जुलाई में सेना ने आतंकियों का गढ़ बन चुके मोसुल को आतंकियों से आजाद कराया था। मोसुल के आजाद होने के बाद इराक में आईएस का खात्मा नजदीक माना जा रहा था। हालांकि, मोसुल से भागे कई आतंकी सीरिया बॉर्डर के पास अपने ठिकानों में छुपे हुए थे।
कब हुआ था इराक पर कब्जा?
आईएस ने 2014 में इराक के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया था। इस दौरान आतंकियों ने हजारों मासूमों को मौत के घाट उतार दिया था। अपने 3 साल से ज्यादा के शासन में आईएस ने इराक को तबाह कर दिया था। लाखों लोग आतंकी हमलों से बचने के लिए अपने घरों को छोड़कर भागने को मजबूर हुए थे। इतना ही नहीं, अपने राज में आतंकियों ने कई महिलाओं और बच्चों को मार दिया था।