भोपाल। मध्यप्रदेश भाजपा के अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान की कुर्सी खतरे में आ गई है। आरोप है कि वो सीएम शिवराज सिंह चौहान के प्रवक्ता बनकर रह गए हैं। संगठन को शिवराज से शिवराज तक सीमित करने की कोशिश करते हैं। हालांकि संगठन भी शिवराज के साथ है परंतु केवल शिवराज के प्रति समर्पित हो जाने में कई नेताओं को आपत्ति है। काफी शिकायतें हो चुकीं हैं और माना जा रहा है कि गुजरात चुनाव के बाद उचित अवसर पर नंदकुमार सिंह चौहान को बदल दिया जाएगा।
याद दिला दें कि भाजपा के संगठन महामंत्री सुहास भगत की टीम के साथ नंदकुमार सिंह चौहान की दूरियां सार्वजनिक हो चुकीं हैं। आरोप है कि नंदकुमार सिंह संगठन में पदाधिकारियों का चयन भाजपा नहीं बल्कि शिवराज सिंह को ध्यान में रखकर कर रहे हैं। कई नियुक्तियां विवादित हो चुकीं हैं। हालात यह भी रहे कि कुछ नियुक्तियों की सूचियां तो नंदकुमार सिंह की जानकारी के बिना भी जारी हुईं।
एक खास बात यह भी है कि मप्र के भाजपा नेताओं में सोशल मीडिया पर शिवराज सिंह चौहान के अलावा नंदकुमार सिंह ही ऐसे नेता हैं जो सबसे ज्यादा ट्रोल किए जाते हैं। नंदकुमार सिंह के खाते में समाज के कुछ विशेष वर्गों को लेकर कई विवादित बयान भी दर्ज हैं।
2 बड़े दिग्गजों के नाम सुर्खियों में
सवाल यह है कि यदि नंदकुमार सिंह नहीं तो मप्र भाजपा की कमान किसे सौंपी जाएगी। संभावनाओं में सबसे पहला नाम शिवराज सिंह कैबिनेट के सबसे प्रभावशाली मंत्री नरोत्तम मिश्रा का आ रहा है। बताया जा रहा है कि नरोत्तम मिश्रा अब सत्ता को छोड़कर संगठन के लिए काम करना चाहते हैं। अमित शाह भी चाहते हैं कि नरोत्तम मिश्रा जैसे लोग उनकी टीम में हों ताकि भाजपा को देश भर में लाभ दिलाया जा सके। काफी हद तक संभावनाएं हैं कि नरोत्तम मिश्रा कैलाश विजयवर्गीय के समकक्ष भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बनाए जाएंगे परंतु यदि किसी अन्य नाम पर सहमति नहीं बन पाई तो नरोत्तम मिश्रा को मप्र की कमान सौंपी जा सकती है।
कैलाश विजयवर्गीय भी इस संभावित नामों में से एक हैं। मप्र में भाजपा के कई दिग्गज नेता चाहते हैं कि कैलाश विजयवर्गीय को संगठन की कमान मिले। कैलाश विजयवर्गीय के खाते मेंं पहले से ही कई सफलताएं दर्ज हैं। इंदौर में उन्होंने संगठन को काफी मजबूत कर दिया था, हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कैलाश विजयवर्गीय मप्र की राजनीति में वापस आना चाहते हैं या नहीं।
महाकौशल से होगा नया प्रदेश अध्यक्ष
सूत्रों का दावा है कि मप्र का अगला प्रदेश अध्यक्ष महाकौशल से आएगा। मध्यभारत से नरेन्द्र सिंह तोमर एवं प्रभात झा आ चुके हैं। नंदकुमार सिंह चौहान निमाड़ मालवा से है। इंदौर लोकल से प्रदेश अध्यक्ष को नहीं लिया जा सकता क्योंकि वहां सुमित्रा महाजन और कैलाश विजयवर्गीय जैसे दिग्गज पहले से ही मौजूद हैं। महाकौशल को यह अवसर दिया जा सकता है। यहां से 2 नाम सुर्खियों में हैं। पहला मप्र के उद्योग मंत्री राजेन्द्र शुक्ला एवं दूसरे जबलपुर के भाजपा सांसद राकेश सिंह।