रायपुर। छत्तीसगढ़ में चल रही शिक्षाकर्मियों की हड़ताल पर जब पुलिस का डंडा काम करता नहीं दिखा तो मुख्यमंत्री रमन सिंह ने प्रशासनिक चाबुक का इस्तेमाल शुरू कर दिया। उन्होंने शिक्षाकर्मियों के 41 प्रदेश स्तरीय नेताओं को बर्खास्त कर दिया है। कहा जा रहा है कि अब जिलाध्यक्षों को बर्खास्त किया जाएगा। रात 9 बजे की स्थिति में पुलिस अब भी नाकाबंदी किए शिक्षाकर्मियों की तलाश कर रही है। गौरतलब है कि राज्य में लगभग डेढ़ लाख शिक्षाकर्मी शिक्षा विभाग में संविलियन एवं समान काम और समान वेतन की मांग को लेकर करीब एक माह से अनिश्चितकाल हड़ताल पर चले गए हैं। इससे सरकारी स्कूलों में पढ़ाई लिखाई ठप हो गई है। राज्य सरकार ने इस हड़ताल को गैर क़ानूनी करार देते हुए शिक्षाकर्मियों की बर्खास्तगी के निर्देश दिए हैं।
प्रदर्शनकारी शिक्षाकर्मियों को हिरासत में लिया गया
छत्तीसगढ़ में हड़ताली शिक्षाकर्मियों को सरकार ने काम पर वापस लौटने का फरमान जारी किया था। जब शिक्षाकर्मियों ने सरकारी निर्देशों को हवा में उड़ा दिया, तब सरकार ने उन्हें अपने तरीके से आड़े हाथों लिया। हड़ताली शिक्षाकर्मियों की बर्खास्तगी तय कर दी गई। उनकी हड़ताल को गैर क़ानूनी करार देने के बाद उनकी धर पकड़ भी शुरू कर दी गई है। धरना प्रदर्शन की इजाजत नहीं मिलने के बावजूद प्रदर्शनकारी शिक्षाकर्मियों ने जब सड़के जाम कीं और सरकार को आंख दिखाई तो उन्हें हिरासत लिया गया।
शिक्षाकर्मी अपनी मांग पर अड़े
हालांकि शिक्षाकर्मियों ने ऐलान किया है कि वो सरकारी दमन के आगे नहीं झुकेंगे। इस मामले को लेकर छत्तीसगढ़ के मंत्रालय में दिनभर गहमा गहमी रही। आख़िरकर वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए तमाम कलेक्टरों को शिक्षाकर्मियों की बर्खास्तगी के निर्देश दिए गए।