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बॉलीवुड फिल्म से कम नहीं हैं कल्पना की स्टोरी...
कल्पना की लाइफ बॉलीवुड की फिल्म की उस कहानी की तरह है जिसमें कई मुश्किलों के बाद अंत सुखद होता है। उनका जन्म 1961 में महाराष्ट्र के अकोला जिले के छोटे से गांव रोपरखेड़ा के गरीब दलित परिवार में हुआ था। पिता कॉन्सटेबल थे और फैमिली पुलिस क्वाटर्स में रहती थी। तीन बहनें और दो भाई हैं कल्पना के। बेहद गरीबी में गुजरा है उनका बचपन।
12 की उम्र में हो गई थी शादी
उस समय कम उम्र में ही शादी कर दी जाती थी, तो कल्पना की शादी भी मात्र 12 साल की उम्र में एक ऐसे व्यक्ति से हुई जो उनसे 10 साल बड़ा था। पति के साथ वे मुंबई आ गईं, जहां एक झुग्गी में रहने पर उन्हें बहुत बड़ा झटका लगा लेकिन उनकी जिंदगी में केवल यही मुश्किल चीज नहीं थी। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि 'पति के बड़े भाई और भाभी मुझसे बुरा सलूक करते थे। वे मेरे बालों को नोचते थे और कई बार तो हसबैंड छोटी छोटी बातों को लेकर पीटते थे। मैं शारीरिक और मानसिक शोषण से टूट गई थी'।
50 रुपए मिलते थे दिन के
बर्दाश्त नहीं हुआ तो एक दिन तीन बोतल कीटनाशक पीकर आत्महत्या की कोशिश की लेकिन, चाची ने बचा लिया। तब फैसला किया कि अब कुछ बड़ा करूंगी। 16 की उम्र में वे फिर मुंबई आ गईं और अपने अंकल के साथ रहकर सिलाई सीखी। हर दिन 40 से 50 रुपए कमाने लगीं। फिर बड़ी मशीनों पर कपड़ा सिलना सीखा। रोज 16 घंटे काम करतीं। फर्नीचर बिजनेस और टेलरिंग का काम बढ़ाने के लिए लोन लिया। फिर मेटल इंजीनियरिंग कंपनी कमानी ट्यूब खरीदी। आज कंपनी का बिजनेस करोड़ों रुपए में है।