भोपाल। मध्यप्रदेश के पंचायत सचिवों को 6वां वेतनमान देने का ऐलान सीएम शिवराज सिंह चौहान कई बार कर चुके हैं। पिछले दिनों हुई कैबिनेट मीटिंग के बाद सीएम ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर भी बताया था कि मीटिंग में पंचायत सचिवों के 6वां वेतनमान को लेकर फैसला हुआ है लेकिन विधानसभा में पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव ने ऐसी किसी भी जानकारी से इंकार कर दिया। अब पंचायत सचिव आक्रोशित हैं। वो चाहते हैं कि सरकार स्थिति स्पष्ट करे अन्यथा उन्हे एक बार फिर हड़ताली कदम उठाने होंगे।
30 नवम्बर 2017 को शीतकालीन विधानसभा सत्र में सिहोरा विधायक नंदनी मरावी के प्रश्न में पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव ने मुख़्यमंत्री की घोषणा को झूठा साबित कर दिया। सर्वविदित है प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 12 जुलाई 2017 को शाजापुर जिले के सुजालपुर की अकोदिया मंडी में पंचायत सचिवों को छटवां वेतनमान देने की घोषणा की थी, जिसका प्रकाशन प्रदेश की मीडिया ने भी किया था और मुख़्यमंत्री ने स्वयं अपने फेसबुक पेज और ट्वीटर पर भी जिक्र किया था, साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रायसेन और 29 नवम्बर को विकास यात्रा के दौरान सार्वजनिक मंच से जावरा (रतलाम) में भी पंचायत सचिवों को छटवां वेतनमान देने की बात कही थी।
26 नवम्बर को मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज CM MADHYA PRADESH में भी मंत्रिमंडल के महत्वपूर्ण निर्णय में भी पंचायत सचिवो को छटवां वेतनमान की स्वीकृति का उल्लेख किया था। जिसके आधार भोपाल समाचार सहित कई अखबारों ने प्रकाशन भी किया था। भोपाल समाचार के प्रतिनिधि से मंत्रालय के सूत्रों ने 26 नवम्बर को मंत्रिमंडल में पंचायत सचिवों को छटवां वेतनमान की स्वीकृति होने एवम CM MADHYA PRADESH पेज की जानकारी सही होने की पुष्टि भी की थी।
लेकिन विधायक नंदनी मरावी के प्रश्न में उत्तर में पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव ने अकोदिया मंडी सुजालपुर में घोषणा होने से इनकार कर दिया है, अब ढेरों प्रश्न उठते है-
1.क्या पंचायत मंत्री को घोषणाओं की जानकारी नही होती?
2. क्या मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने फेसबुक पेज और ट्वीटर पर झूठी जानकारी प्रकाशित की थी ?
3. क्या अकोदिया मंडी में उपस्थित जनसमुदाय और पंचायत सचिवों ने घोषणा गलत सुनी थी ?
4. क्या अखबारों ने और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने गलत खबर प्रकाशित की थी?
5. क्या केबिनेट में पंचायत मंत्री मौजूद नही थे और यदि मौजूद थे तो क्या मुख्यमंत्री ने अपने आधिकारिक पेज पर झूठी जानकारी पोस्ट की है ?
पंचायत मंत्री के विधानसभा मे जबाब से प्रदेश के 23 हज़ार पंचायत सचिवों में आक्रोश व्याप्त है, जो बड़ा आंदोलन का रूप ले सकता है।