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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शिवराज सरकार ने राज्य की सभी 230 सीटों का मिजाज जानने के लिए खुफिया रिपोर्ट तैयार कराई थी। इस रिपोर्ट ने सरकार की परेशानी को कम करने के बजाए बढ़ा दिया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मुख्यमंत्री के रूप में शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं नजर आ रही है, लेकिन विधायकों के प्रति नाराजगी और स्थानीय मुद्दों के कारण पार्टी की हालत अच्छी नहीं है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि 61 विधायक दोबारा चुनाव जीतने की स्थिति में नहीं है। रिपोर्ट में 24 सीटों को भी खतरे में बताया गया है। यहां कांटे की टक्कर बताई गई है। खुफिया रिपोर्ट इसलिए भी सही मानी जा रही है, क्योंकि कुछ महीने पहले पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के भोपाल दौरे के पहले संघ ने भी ऐसा ही एक सर्वे किया था।
बताया जा रहा है कि इस सर्वे में करीब 77 विधायकों का परफार्मेंस खराब बताते हुए उनके विधानसभा क्षेत्र में पार्टी को कमजोर बताया गया था। माना जा रहा है कि दो सर्वे रिपोर्ट के बाद अगले महीने यानी जनवरी 2018 में पार्टी एक बार फिर जमीनी हालातों का आकलन करेगी और इसके बाद से मौजूदा विधायक को टिकट देने या उनके विकल्प की रणनीति पर काम शुरू हो जाएगा।