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टक्कर रोधी उपकरण का जिक्र करते हुए गोयल ने कहा कि यह अभी परीक्षण के दौर में ही है। उन्होंने कहा कि अभी आईसीएफ और एलएचबी दो प्रकार के डिब्बों का प्रयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा के लिहाज से एलएचबी डिब्बे स्वाभाविक रूप से बेहतर हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे ने फैसला किया है कि अगले साल जून के बाद आईसीएफ डिब्बों का उत्पादन नहीं किया जाएगा।
रेलवे क्रासिंगों के बारे में पूछे गए एक सवाल पर गोयल ने कहा कि यह नीतिगत फैसला किया गया है कि अगले साल गणेश चतुर्थी तक व्यस्त मार्गों पर सभी चौकीदार रहित फाटकों को समाप्त कर दिया जाएगा। रेल दुर्घटनाओं के बारे में आंकड़े पेश करते हुए उन्होंने कहा कि दुर्घटनाओं की संख्या में उल्लेखनीय कमी आयी है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा के लिए कदम उठाना एक सतत प्रक्रिया है।
बरवाडीह-चिरमिरी रेल लाइन के बारे में पूछे एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस परियोजना को 1947 में ही स्वीकृति दी गयी थी लेकिन इस पर कोई ठोस काम नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि इसी साल नवंबर में इस लाइन का सर्वे कराने का फैसला किया गया है और उसकी रिपोर्ट पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। बिहार की रेल परियोजनाओं से जुड़े एक सवाल के जवाब में गोयल ने कहा कि इस सरकार के कार्यकाल में पिछले तीन साल के दौरान बिहार को आवंटित औसत राशि पहले की अवधि की अपेक्षा लगभग दोगुनी रही है।
मुगलसराय-दिल्ली रेल खंड पर ट्रेनों के देर से चलने की शिकायतों पर रेल मंत्री ने कहा कि इस मार्ग पर काफी यातायात है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। इन कदमों में रेल पटरियों का बदलना शामिल है।