भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव 2018 आने वाले हैं। हर स्तर पर तैयारियां शुरू हो चुकीं हैं। विधायक (MLA) चाहते हैं कि उनके इलाकों की सड़कें चुनाव घोषित होने से पहले ही बन जाएं। वो जनता से वादे कर चुके हैं परंतु वित्त विभाग (FINANCE DEPARTMENT) ने पैसे देने से साफ इंकार कर दिया है। विधायकों ने जनता से जो वादे कर रखे हैं उसके अनुसार कुल 1800 किलोमीटर की नई सड़कें बननी हैं जिसके लिए 1450 करोड़ का खर्चा आएगा। गुरुवार को इसी को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने PWD विभाग की बैठक बुलाई थी। इसमें CM ने कहा कि छोटी-छोटी सड़क की मांग को लेकर विधायक मेरे पास आकर रोते हैं। कम से कम उनका काम तो किया जाए। इस पर अपर मुख्य सचिव वित्त एपी श्रीवास्तव ने कहा, जनवरी में बता पाएंगे कि नई सड़कों के लिए पैसा दे पाएंगे या नहीं।
इस पर सीएम ने जल संसाधन और पीडब्ल्यूडी को 15-15 प्रतिशत और बाकी विभागों को 5-10 फीसदी पैसा देने की बात कही। पीडब्ल्यूडी के मुताबिक विधायकों की मांग मानी जाती है तो एमडीआर, जिला अन्य ग्रामीण सड़कों को मिलाकर करीब 3000 किमी सड़कें बनानी पड़ेंगी। इसके लिए 2000 करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी। इसमें सिर्फ पीडब्ल्यूडी की ही 1800 किमी सड़क है, जिस पर 1450 करोड़ रुपए लगेंगे। बैठक में पीडब्ल्यूडी मंत्री रामपाल सिंह ने वित्त विभाग से कहा कि कम से कम ऐसी स्थिति तो कर दी जाए कि अप्रैल तक सड़कों का शिलान्यास हो जाए ताकि काम दिखे। बैठक में निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव मो. सुलेमान ने कहा कि सीमेंट की बजाए विभाग डामर की सड़क बनाने पर ध्यान देगा, क्योंकि यह सड़क भी ठीक होती है।
एक हजार किमी सड़क का काम तो तुरंत करना होगा
पीडब्ल्यूडीने आकलन कराया है कि एक हजार किमी लंबाई की ग्रामीण सड़कों के पुनर्निर्माण का काम तो तुरंत कराना पड़ेगा। इसके लिए करीब 800 करोड़ रुपए की जरूरत होगी। पीडब्ल्यूडी के अधीन जिला ग्रामीण कुल सड़कों 23400 किमी में से 16000 किमी सड़क ही अच्छी स्थिति में है। शेष को ठीक करने की प्रक्रिया की जा रही है।
घोषणा पूरी करने के लिए चाहिए 750 करोड़ रुपए
बैठकमें बताया गया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अलग-अलग कार्यक्रमों दौरों में सड़क निर्माण की जो घोषणाएं की हैं, उसे पूरी करने के लिए 750 करोड़ रुपए की मंजूरी जरूरी होगी। विधायकों की मांग को भी इसमें जोड़ दिया जाए तो लगभग 3000 करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी।
प्रमोद अग्रवाल का तरीका बंद करेंगे सुलेमान
समीक्षा बैठक में पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव सुलेमान ने सुझाव दिया कि विभाग की लेबर से गड्ढे भरवाने मरम्मत के काम में देरी होती है। इसे भी ठेके के जरिए कराया जाएगा, जिससे काम जल्द होगा। यहां बता दें कि तत्कालीन प्रमुख सचिव प्रमोद अग्रवाल ने यह व्यवस्था लागू की थी कि ठेकेदारों से यह काम नहीं कराया जाएगा।