नई दिल्ली। कांग्रेस में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव पर सवाल उठा चुके महाराष्ट्र के कांग्रेस नेता SHAHZAD POONAWALA को कांग्रेस (AICC) ने पहचानने से ही इंकार कर दिया है। संडे सुबह जब शहजाद ने RAHUL GANDHI के आॅफिस फोन लगाया तो उन्हे बताया गया कि वो कांग्रेस के सदस्य ही नहीं हैं, अत: उनको कोई अधिकार नहीं है कि वो चुनाव प्रक्रिया के बारे में बात करें। शहजाद ने कहा कि यह मेरा अपमान है। कांग्रेस ने ऐसा ही अपमान सरदार बल्लभ भाई पटेल का भी किया था। इधर गुजरात में PM NARENDRA MODI ने शहजाद की तारीफ की है। बता दें कि शहजाद के भाई तहसीन पूनावाला रॉबर्ट वाड्रा के जीजा हैं। शहजाद के बयान के बाद तहसीन ने उनसे रिश्ते तोड़ लिए हैं।
राहुल गांधी के ऑफिस ने मेरी बेइज्जती की
कांग्रेस में वंशवाद के खिलाफ आवाज उठाने वाले शहजाद ने रविवार को न्यूज एजेंसी को इंटरव्यू दिया। शहजाद ने कहा- रविवार सुबह मैंने राहुल गांधी के ऑफिस में फोन किया। मैंने ऐसा इसलिए किया ताकि उन्हें इस बात के सबूत दे सकूं कि पार्टी प्रेसिडेंट का जो इलेक्शन हो रहा है, वो पूरी तरह से फिक्स है। राहुल को सोमवार को नॉमिनेशन फाइल करना है। पूनावाला ने आगे कहा- राहुल के नॉमिनेशन फाइल करने से पहले मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि उनकी कुछ नैतिक जिम्मेदारियां हैं। इस इलेक्शन प्रॉसेस को रोका जाना चाहिए। लेकिन, राहुल के ऑफिस की तरफ से तो मेरी बेइज्जती की गई।
सरदार पटेल को भी ऐसे ही नीचा दिखाया गया था
एक सवाल के जवाब में पूनावाला ने कहा- पहले कांग्रेस के नेताओं ने सरदार वल्लभ भाई पटेल का अपमान किया था। आज मैं भी इसी तरह का महसूस कर रहा हूं। जब मैंने वंशवाद की राजनीति का मसला उठाया, प्रेसिडेंट पोस्ट के लिए इलेक्शन का सवाल उठाया तो वो कहने लगे कि मैं तो पार्टी का मेंबर ही नहीं हूं। मैं आज यही साबित करना चाहता हूं कि वो पूरी तरह से झूठ बोल रहे हैं। शहजाद ने कहा- तीन साल से महाराष्ट्र कांग्रेस के ऑफिस की तरफ से मुझे कम्युनिकेट किया जाता रहा है। आज वो कहते हैं कि मैं पार्टी मेंबर नहीं हूं। मैं एक व्हिसल ब्लोअर बन गया हूं।
मोदी ने की थी शहजाद की तारीफ
मोदी ने रविवार को सुरेंद्र नगर की रैली में शहजाद पूनावाला की तारीफ की था। पीएम ने कहा था, “आपने एक बहादुरी का काम किया है, लेकिन दुख की बात यह है कि कांग्रेस में हमेशा से ऐसा होता आया है। कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में जो धांधली हो रही है उसे शहजाद ने उजागर किया है। कांग्रेस ने उनकी आवाज दबाने की कोशिश की और उन्हें सोशल मीडिया ग्रुप से निकालने की कोशिश की। जिनके पास कोई अंदरूनी डेमोक्रेसी नहीं होती वे जनता के लिए काम नहीं कर सकते।”
पहले क्या कहा था शहजाद ने?
30 नवंबर को शहजाद ने राहुल गांधी को कांग्रेस प्रेसिडेंट बनाए जाने पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था, "यह सिलेक्शन है, इलेक्शन नहीं।" उन्होंने यह भी कहा था कि इस चुनाव में धांधली हो रही है। अगर सही ढंग से यह चुनाव हो तो वे भी इसमें भागीदारी कर सकते हैं। पूनावाला ने कहा था है कि प्रेसिडेंट पोस्ट के लिए होने वाले चुनाव में राहुल को फायदा पहुंचाने के लिए हेराफेरी की जा रही है। इसमें जो मेंबर वोट डालेंगे, उनके नाम फिक्स हैं। इसमें धांधली की गई है। उन्होंने चुनाव की इस प्रॉसेस को राहुल के पक्ष में बताते हुए आरोप लगाया था कि वो प्रेसिडेंट बनेंगे, क्योंकि वे गांधी परिवार से हैं।
भाई ने रिश्ता तोड़ा
उन्होंने अपने भाई तहसीन पूनावाला को भी टैग करते हुए लिखा है, तहसीन को इस बात का कोई अंदाजा नहीं है, नहीं तो वो मुझे भी इस मुद्दे पर बोलने से रोक देता। तहसीन ने भी ट्वीट के जरिए इसका जवाब दिया था। उन्होंने इसमें लिखा था, "मैं यह जानकर हैरान हूं कि शहजाद ने यह सब तब किया, जब कांग्रेस गुजरात में जीतने जा रही है। मैं उनसे राजनीतिक रूप से सारे रिश्ते खत्म करने का एलान करता हूं। कांग्रेस राहुल गांधी को प्रेसिडेंट बनाना चाहती है।
राहुल गांधी को लिखा लेटर
शहजाद ने राहुल गांधी को एक पत्र लिखकर पूछा था, “क्या कांग्रेस में प्रेसिडेंट की पोस्ट डायरेक्ट या इनडायरेक्ट रूप से सिर्फ ‘गांधी’ नाम वालों के लिए ही रिजर्व है? इसके लिए उन्होंने कांग्रेस के एक स्पोक्सपर्सन के उस बयान का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगले 50 साल तक ‘गांधी’ ही कांग्रेस के प्रेसिडेंट होंगे? शहजाद ने कांग्रेस प्रेसिडेंट पोस्ट के चुनाव को पूरी तरह से मजाक बताया था। उन्होंने कहा, “मेरे जैसा एक कार्यकर्ता राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ने की सोच भी सकता था, अगर उन्होंने उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया हुआ होता और एक सामान्य कांग्रेस कार्यकर्ता की तरह पार्टी प्रेसिडेंट की पोस्ट का चुनाव लड़ते। उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, "सच बोलने के लिए हिम्मत चाहिए, मेरे खिलाफ कई हमले होंगे, लेकिन मेरे पास सबूत हैं।