डेस्क। INDIA का सशस्त्र सेना झंडा दिवस या झंडा दिवस (Armed Forces Flag Day) 7 दिसम्बर को आ रहा है। पिछले कुछ समय में भारतीय सेना के प्रति अगाध प्रेम जताने के कई प्रसंग सामने आए हैं। INDIAN ARMY के सम्मान और शहीदों की चिताओं पर बयान जारी करने वालों की एक बड़ी फौज मौजूद है। अब सवाल यह है कि झंडा दिवस के दिन यह फौज क्या करेगी। क्या ये लोग झंडा दिवस पर अपना योगदान देंगे। बता दें कि इस अवसर पर जमा की गई राशि Ministry of Defence द्वारा देश की सीमा पर 24 घंटे सुरक्षा देने वाले सैनिकों शहीदों के परिवारजनों की मदद को यह राशि खर्च की जाती है।
यह लेख झंडा दिवस गुजर जाने के बाद भी लिखा जा सकता था। देशभक्तों को दुत्कारा जा सकता था परंतु तब शायद इसे लकीर पीटना कहते। अभी समय से पहले इस लेख का आशय केवल इतना है कि कम से कम वो लोग जिनके हृदय में सेना के प्रति सम्मान है और वो लोग जो शहीदों और सेना के नाम पर राजनीति करते हैं आगे आएं और बढ़ चढ़कर मदद करें। सोशल मीडिया एक्टिविस्टों से अपील है कि वो यह लेख अपने उन दोस्तों को टैग करें जो शहीदों के प्रति सम्मान जताते हैं। सेना पर गर्व करने वाले बयान पोस्ट करते हैं। उनसे कहें कि वो झंडा दिवस पर दिया गया योगदान सोशल मीडिया पर पोस्ट करें ताकि सबको पता चले कि वो कितने देशभक्त हैं।
बता दें कि पाकिस्तान की ओर से जम्मू-कश्मीर में छेड़े गए छद्मयुद्ध में भारतीय सैनिक अपने प्राण न्योछाबर करते रहे हैं और भारी संख्या में हर साल अपाहिज भी हुए हैं। ऐसे में इस एकत्र होने वाली राशि को उन पर उनके कल्याण के लिए भी खर्च की जाती है। हैरानी की बात तो यह है कि देश के ज्यादातर राज्यों में बहुत कम रकम जमा होती है।
लड़कियों की शादी पर भी की जाती खर्च:
पूर्वसैनिक कल्याण विभाग की मानें तो इस एकत्र होने वाली राशि को राज्य के सैनिकों, पूर्व सैनिकों के परिवारों पर ही खर्च की जा रही है। द्वितीय विश्व युद्ध में भाग ले चुके सैनिकों को चूंकि पेंशन का प्रावधान नहीं है ऐसे में उनको मेडिकल सुविधा पर राशि खर्च करने के अलावा बेसहारा हो चुके पूर्व सैनिकों के बच्चों को सहायता राशि देने, लड़कियों की शादी पर खर्च, आर्मी के जवान उनकी विधवाओं की सहायता के लिए फंड एकत्र किया जाता है।