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भोपाल संभाग के नगरीय निकायों के कर्मचारियों को सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 में किए गए इन प्रावधानों की जानकारी शुक्रवार को एमपीपीसीबी द्वारा आयोजित कार्यशाला में दी गई। पीसीबी के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर आरआर सिंह सेंगर ने बताया कि म्यूनिसिपल सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2000 में कुछ संशोधन किया गया है। भोपाल में ही रोजाना 900 टन सॉलिड वेस्ट निकल रहा है। इसमें से 4 प्रतिशत यानी 36 टन कचरा प्लास्टिक का होता है।
...तो लगेगी पेनाल्टी
आयोजक द्वारा सॉलिड वेस्ट और भवन निर्माता द्वारा कंस्ट्रक्शन एवं डिमॉलिशन वेस्ट के नियमों का उल्लंघन किया जाता है तो उसके खिलाफ पेनाल्टी लगाई जाएगी। पेनाल्टी नगरीय निकाय तय करेगा। सीएंडडी वेस्ट और प्लास्टिक वेस्ट से संबंधित नियमों के उल्लंघन पर अभी न्यूनतम 500 रुपए पेनाल्टी लगाई जाती है। 100 से ज्यादा व्यक्तियों के इकट्ठा होने की सूचना नहीं देने पर स्पॉट फाइन तय नहीं हुआ है। निगम के अपर आयुक्त एमपी सिंह के अनुसार इसके लिए नियम बनाए जाना है।
पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 में यह नियम लागू कर दिया है। नियम का पालन आम नागरिकों को भी करना होगा। इसके लागू होने के बाद 5000 वर्ग मीटर एरिया वाले सभी संस्थानों सामुदायिक केंद्रों के साथ ही होटल रेस्तरां मालिकों को एक साल में साॅलिड वेस्ट को पृथक्करण और रिसाइकिल करने के लिए प्रोसेसिंग की व्यवस्था करनी होगी।
मलबा निकलता है तो देना होगा मैनेजमेंट प्लान
पीसीबी के ही चीफ केमिस्ट डॉ. एसी करेरा ने बताया कि शहर में किसी भी तरह के निर्माण या विध्वंस से एक दिन में 20 टन या फिर एक महीने में 300 टन तक मलबा निकलने की संभावना पर निर्माणकर्ता को काम शुरू करने से पहले निगम को अपना वेस्ट मैनेजमेंट प्लान जमा करना हाेगा। प्लान के तहत निर्माणकर्ता को ही मलबे से कांक्रीट, मिट्टी, स्टील, लकड़ी, ईंट, प्लास्टिक आदि को अलग करना जरूरी होगा।