भोपाल। कोलार की 3 लाख जनता के लिए भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा और नगर निगम के अधिकारी ताबड़तोड़ मेहनत करके केरवा की पाइप लाइन तो ले आए लेकिन उसमें पानी का प्रबंध नहीं हो पा रहा है। 25 दिसम्बर को शुभारंभ हुआ तो लोगों ने विधायक रामेश्वर शर्मा को कंधों पर उठा लिया लेकिन रामेश्वर की यह गंगा अब तक कोलार नहीं पहुंच पाई है। बताया जा रहा है कि वो बैरागढ़ चीचली में अटक गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि वाल्व पर बैक प्रेशर के कारण परेशानी हो रही है लेकिन असल में यह बैक प्रेशर विधायक पर आ रहा है। आरोप लग रहे हैं कि श्रेय लूटने की जल्दबाजी में इसका शुभारंभ कर दिया गया।
25 दिसम्बर को लोकार्पित हुआ केरवा का पानी अब तक कोलार की जनता को नहीं मिल पाया है। मंगलवार आैर बुधवार की दरमियानी रात वाॅल्व को रिपेयर करके करीब तीन बजे पानी की सप्लाई शुरू की गई थी। दो घंटे में पानी केरवा डैम से टंकियाें तक पहुंचा। जैसे ही पानी टंकियों में चढ़ना शुरू हुआ इसके बैक प्रेशर से बैरागढ़ चीचली स्थिति वाॅल्व जमीन में धंस गया। आनन-फानन में सप्लाई बंद की गई। पाइपलाइन खाली होने के बाद रिपेयरिंग की गई और फिर से सप्लाई शुरू की गई लेकिन फिर से वाॅल्व जमीन में धंस गया। अब इसे दोबारा रिपेयर किया जा रहा है।
विशेषज्ञों को पता ही नहीं था कि काली मिट्टी में वॉल्व नहीं लगाते
कोलार इलाके में काली मिट्टी है। ऐसे में पानी एक बार जमीन में बैठने के बाद यह अासानी से सूखती नहीं है, बल्कि प्रेशर आने पर नीचे धंस जाती है। ऐसे में वाॅल्व नीचे खिसकने से पानी लीक होने लगता है। पानी का प्रेशर इतना अधिक है कि लीक होने पर पानी का फब्बारा इतना तेज था कि वहां से गुजर रही बिजली लाइन से भी ऊपर निकल गया। सवाल यह है कि क्या विशेषज्ञों को इतना भी नहीं पता था कि काली मिट्टी में वॉल्व नहीं लगाते। उसके लिए सीमेंट का बेस बनाते हैं। एई जेडए खान ने बताया कि बार-बार हो रही समस्या के स्थाई हल के लिए सीमेंट का बेस बनाया जा रहा है।