मुरैना। जिला पंचायत की अध्यक्ष गीता हर्षाना के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव सदन में गिर गया है। बैठक में 14 सदस्य आए, लेकिन जिपं सदस्य राकेश सिंह के बैठक में शामिल नहीं हुए और प्रस्ताव गिर गया। इससे पहले इसी मामले में एक हत्याकांड हो चुका है। जिला पंचायत सदस्य जगदीश टैगोर का अपहरण किया गया और इसी दौरान जगदीश के नाती विनय की हत्या कर दी गई। प्रक्रिया के समय गीता हर्षाना उपस्थित नहीं थीं क्योंकि वो, उनके पति समेत कुल 9 लोग हत्या के मामले में आरोपी हैं और गिरफ्तारी से बचने के लिए अंडरग्राउंड हो गए हैं।
जिला पंचायत अध्यक्ष गीता हर्षाना के खिलाफ 14 सदस्यों ने कलेक्टर के समक्ष अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए जिपं की विशेष सभा बुलाई गई थी। अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होने की संभावना थी, इसलिए कलेक्टर भास्कर लक्षाकार व एसपी आदित्य प्रतापसिंह सहित एडीएम व अन्य अफसर भी मौजूद थे। अविश्वास प्रस्ताव के पारित होने के लिए 14 सदस्यों के 14 मतों की जरूरत थी। हालांकि परिसर में 14 सदस्य पहुंचे, लेकिन सदन में महज 13 सदस्य ही आए। जिपं सदस्य राकेश रुस्तम सिंह परिसर में जरूर आए लेकिन सदन में शामिल नहीं हुए।
इसलिए सभी सदस्यों ने मौखिक तौर पर ही वोटिंग कराने से मना कर दिया। इसके बाद कलेक्टर भास्कर लक्षाकार ने अविश्वास प्रस्ताव के पारित न होने की बात मीडिया को बताई। इस तरह गीता हर्षाना के खिलाफ लाया गया प्रस्ताव गिर गया और वे अब आगामी ढाई साल तक के लिए अध्यक्ष बनी रहेंगी।
पूरा हर्षाना परिवार है आरोपी
जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है उनमें मुख्य आरोपी जिला पंचायत अध्यक्ष और भाजपा की नेता गीता हर्षाना, पति इंदर हर्षाना, जेठ बीरेंद्र हर्षाना, देवर खन्ना हर्षाना, मंडले हर्षाना, बंटी हर्षाना को बनाया गया है।
क्या था मामला
अविश्वास प्रस्ताव से बौखलाए वर्तमान अध्यक्ष के परिजनों ने जिला पंचायत सदस्य जगदीश टैगौर के अपहरण की साजिश रची उनके घर जा पहुंचे। फिल्मी अंदाज में आरोपियों ने जगदीश का अपहरण किया और गोलियां चलाई जिसमे गोली विनय युवक को जा लगी और उसको इलाज के लिए ग्वालियर रेफर किया गया, जहां उसकी मौत हो गई।