
प्रेस कांफ्रेंस में रविशंकर प्रसाद ने बताया कि डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए सरकार बैंकों और व्यापारियों को MDR का भुगतान करेगी। मालूम हो कि फिलहाल डेबिट कार्ड, आधार के जरिए पेमेंट, यूपीआई (भीम ऐप) से पेमेंट करने पर प्रत्येक ट्रांजेक्शन सेवा के लिए दुकानदार बैंक को एक रकम देता है। यही रकम मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) कहलाता है।
दुकानदारों के पास आप जो पॉइंट ऑफ सेल मशीन देखते हैं, उसे बैंकों से लेना होता है। बैंक की ओर से MDR के तौर पर कमाई गई राशि में से कार्ड जारी करने वाले बैंक और कुछ हिस्सा पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स जैसे वीजा, मास्टरकार्ड या NPCI को दिया जाता है। इसी चार्ज के चलते कई दुकानदार कार्ड से पेमेंट लेने से बचते हैं।