भोपाल। लाल परेड ग्राउंड में चल रहे अंतरराष्ट्रीय वन मेले का समापन विवादित हो गया। यहां बच्चों को पुरुस्कार प्रदान किया जाना था। इसके लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान खुद आने वाले थे लेकिन 3 घंटे तक ठंडी रात में बच्चे इंतजार करते रहे, सीएम नहीं आए। बच्चों और उनके पेरेंट्स ने हंगामा शुरू किया तो मंत्रीजी भी खिसक लिए। पुरुस्कार प्रदान करने के लिए यहां बड़ी संख्या में बच्चों को आमंत्रित किया गया था। इसके अलावा दूसरे प्रदेशों से भी आए हैं वैद्य भी नाराज हो गए। उनका कहना है कि सम्मानित ना करके उनका अपमान किया गया है।
3 घंटे तक इंतजार में बैठे रहे मासूम
अभिभावकों का आरोप था कि हमें शाम 5:00 बजे से यहां पर बिठाया गया है। बच्चों के अगले दिन एग्जाम है। उसके बावजूद भी हम बच्चों को पुरस्कार दिलवाने के लिए इतनी ठंड में बैठे रहे। अभिभावकों का आरोप था कि करीब 3 घंटे तक हमें दर्शक दीर्घा में बिठा कर रखा गया और कहा गया कि आपके बच्चे को पुरस्कार दिया जाएगा।
हंगामा हुआ तो मंत्रीजी भी खिसक लिए
जैसे ही मंत्री जी ने देखा कि अभिभावक और शिक्षक हंगामा कर रहे हैं, मंत्री जी ने अपनी गाड़ी में बैठ कर वहां से रवानगी डाल दी। हंगामा होते देख वन मेले में आए वैद्यों ने भी आयोजकों पर अपमान करने का आरोप लगाया। अंतर्राष्ट्रीय वन मेले में आए वैद्यों ने कहा कि मेला समिति ने बच्चों और वैद्यों का अपमान किया है। प्रदेश के बाहर से आए वैद्यों ने आरोप लगाया कि जब सम्मान ही नहीं करना था तो हमें समापन समारोह में आमंत्रित ही क्यों किया गया। क्या मंत्री जी को भीड़ दिखाने के लिए हमें आमंत्रित किया गया था।
दूसरे प्रदेशों से भी आए हैं वैद्य भी अपमानित हुए
दूसरे प्रदेशों से आए हकीम वैद्य को इस तरह से बुलाकर अपमानित नहीं करना चाहिए था। जबकि हमें मेला आयोजन समिति के पदाधिकारियों ने कहा था कि आप सभी व्यक्तियों को मंत्री जी के द्वारा मंच पर प्रशस्ति पत्र एवं सम्मान किया जाएगा लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ मध्य प्रदेश में पहली बार इतने बड़े अंतर्राष्ट्रीय वन मेले में इस तरह की घटना हुई है जो कि प्रदेश के लिए शर्म का विषय है। हालांकि हंगामे को बढ़ता देख मेला प्रबंधन समिति ने बच्चों को दोबारा पुरस्कार देने की बात कही और कहा कि अगली बार से ऐसा नहीं होगा। अधिकारियों के आश्वासन और पुरस्कार दिए जाने के बाद हंगामा शांत हो सका।
श्रीलंका भूटान से भी आए थे वैद्य
उल्लेखनीय है कि अंतर्राष्ट्रीय वन मेले में श्रीलंका, भूटान, नेपाल, मलेशिया और देश के बिहार, आसाम, उत्तराखंड, दिल्ली, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों के प्रतिभागियों ने भाग लिया था । मेले में प्रदेश के विभिन्न जिलों से संग्रहित की गई दुर्लभ जड़ी-बूटियों के 300 स्टॉल लगाए गए थे।