
मामला शाहजहांनाबाद से लापता हुई 28 साल की महिला और उसकी 3 साल की बेटी का है। आरोपियों के चंगुल से छूटकर आई महिला ने बताया कि वो शाहजहांनाबाद में रहकर छोटा-मोटा काम कर बेटी को पाल रही थी। शानू ने कहा कि 50-60 रुपए में क्या होता है। मेरे साथ राजगढ़ चलो। 500 रुपए दिन का दिलवा दूंगा। आरोपी शानू मुझे और बेटी को रंजीत के साथ 14 अगस्त को माटनीपुरा लाया। रंजीत ने सुमेर से मेरी जबरदस्ती शादी करवा दी। मैंने ऐसा करने से मना कर दिया तो उन्होंने कहा कि तुम्हारी बेटी हमारे पास है, मार देंगे। उसके बाद वह बेटी ले गए।
सुमेर घर में बंद करके मारता था। मजदूरी करवाता था और रात को ज्यादती करता था। उस नर्क में मैं उनका जुल्म सिर्फ अपनी बेटी को जिंदा देखने के लिए सहती रही। महिला ने कहा कि कैसे लोग होते थे जो इंसानों को भी बेच देते हैं।
शराबी पति से अलग हुई थी महिला
मेरी 12 साल पहले खंडवा में शादी हुई थी। पति काम की तलाश में भोपाल ले आया। शराब पीकर झगड़ा करता था। उसका व्यवहार असहनीय था। बेटी के जन्म के कुछ समय पहले मैंने उसे छोड़ दिया।
जंगल के बीच मकान में बंधक मिली महिला
पुलिस ने रंजीत की निशानदेही पर माटनीपुरा में 5 जगहों पर दबिश दी। अंतत: जंगल के बीच एक मकान में महिला बंधक मिली। हालांकि सुमेर और उसका पिता भाग गया। वह उससे दिन में मजदूरी करवाता था और रात में ज्यादती करता था। वहीं एक टीम ने विदिशा में पांच अलग-अलग ठिकानों पर दबिश देकर बच्ची को एक मंदिर के बाहर गंगाराम से बरामद कर लिया।
फूलवाला गुड्डू ही मानव तस्कर रंजीत था
पुलिस के पास केवल फूल बेचने वाले रंजीत का नाम ही था। इस आधार पर पुलिस ने शाहजहांनाबाद, तलैया, मंगलवारा और कोेहेफिजा में फूल बेचने वालों के 26 ठिकानों पर पूछताछ की, लेकिन रंजीत नहीं मिला। किसी ने बताया कि वह रंजीत नहीं, गुड्डू है। वह काली मंदिर के पास फूल बेचता है। गुड्डू को हिरासत में लिया गया। गुड्डू ने बताया कि पीर गेट निवासी शानू महिला को लेकर आया था। महिला काम मांगने आई थी। उसने उसे डेढ़ लाख में राजगढ़ के माटनीपुरा निवासी 50 वर्षीय सुमेर गुर्जर को बेच दिया था। सुमेर ने बच्ची को रखने से मना कर दिया था। इसलिए उन्होंने विदिशा निवासी गंगाराम को 50 हजार रुपए में बच्ची दे दी थी।