भोपाल। मध्यप्रदेश में अब दीक्षांत समारोह काफी बदलाव नज़र आएगा। इसका मुख्य कारण है कि मप्र सरकार ने अब दीक्षांत समारोह में नए गणवेश अपनाने का निर्णय किया है। उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया ने कहा है कि अब तक जितने भी दीक्षांत समारोह हुए हैं उसमें पाश्चात्य संस्कृति के वस्त्र धारण किए गए हैं। अब भारतीय परिवेश में ही दीक्षांत समारोह संपन्न किए जाएंगे जिसके लिए वेशभूषा भी निर्धारित कर ली गई है।'
मध्यप्रदेश में शिक्षा में सुधार की तेज होती बहस के बीच मंत्री जयभान सिंह पवैया ने कहा है कि 'अब विश्वविद्यालयों में दीक्षान्त समारोह भारतीय परिधान और भारतीय परिवेश में होगा।' उन्होंने कहा कि 'इसे लेकर विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से चर्चा की जा चुकी है।' मंत्री जयभान सिंह पवैया ने कहा कि स्कूली शिक्षा में जो यस सर की जगह जय हिंद की बात आई इससे काफी पहले से उच्च शिक्षा में ये बात महसूस की गई कि विश्वविद्यालयों में होने वाले दीक्षान्त समारोह में हम पाश्चात्य परंपरा को वेशभूषा के मामले में बंद करें और हमारी नियत ये रही कि मप्र के विश्वविद्यालयों में भारतीय परिधान में दीक्षांत समारोह क्यों न हो? इसकी वजह क्या है? तो इसके लिए हमने समन्वय समिति के अध्यक्ष और कुलाधिपति राज्यपाल तक अपनी बात पहुंचाई।
कुलपतियों की कमेटी ने एकमत होकर किया तय
मंत्री ने बताया कि राज्यपाल की अध्यक्षता में पूरे प्रदेश के वाइस चांसलर की सहमति से हमने ये ऐतिहासिक फैसला किया कि हम दीक्षांत समारोह भारतीय परिवेश में करेंगे और इसकी वेशभूषा में कुलपतियों की कमेटी ने एकमत होकर जो तय किया है वहीं वेशभूषा हमने निर्धारित की है। कुलपतियों की कमेटी ने जिस यूनीफार्म को तय किया है और राज्यपाल ने जिसे अनुमोदित किया है वही परिवेश है।
लॉन्ग कोट और हेड पहनने पर आपत्ति
उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया ने कहा कि कुर्ता-पजामा और जैकेट और पगड़ी व साफा तय किया है। परिधानों के रंग भी बैठक में तय किये गए हैं। उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया पहले भी कई बार दीक्षांत समारोह में लॉन्ग कोट और हेड पहनने पर आपत्ति जता चुके हैं।