भोपाल। राष्ट्रपति पुरस्कार पाने वाले प्रदेश के शिक्षकों के आउट आॅफ टर्न प्रमोशन खटाई में पड़ गए हैं। इसके पीछे राज्य सरकार द्वारा बनाए गए भर्ती नियमों और प्रावधानों का आड़े आना है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा पदोन्नति प्रावधानों पर यथास्थिति बनाए जाने के आदेश को भी विभाग एक बड़ा कारण बता रहा है। अब राज्य शासन भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में संशोधन करने की तैयारी कर रहा है।
राज्य सरकार ने ऐसे शिक्षकों को आउट आॅफ टर्न प्रमोशन देने और दो वेतन वृद्धि दिए जाने का प्रावधान किया है जिन्हें राष्टÑपति से पुरस्कार मिला है। शिक्षकों को व्याख्याता पद पर पदोन्नति करने का प्रावधान है लेकिन पिछले दस साल से पुरस्कृत शिक्षकों का न प्रमोशन मिला है और न ही वेतनवृद्धि का लाभ हुआ है। इससे सम्मानित शिक्षकों में रोष है। जानकारी के अनुसार 34 ऐसे सहायक शिक्षक, शिक्षक, व्याख्याता तथा प्रधान अध्यापक हैं जिन्हें दस साल से आउट आॅफ टर्न प्रमोशन नहीं मिला है। वहीं दो वेतनवृद्धि पाने से वंचित शिक्षकों की संख्या पांच है।
ये बताए जा रहे कारण
भोपाल जिला शिक्षा अधिकारी के अनुसार पदोन्नति के लिए प्रस्ताव संचालनालय को भेज दिए हैं। एक सहायक शिक्षक की पदोन्नति प्रतिबंध के चलते नहीं हो रही है। सीहोर डीईओ का कहना है कि माध्यमिक शाला के प्रधान अध्यापक को पदोन्नति देने का नियम ही नहीं है। सीहोर और राजगढ़ में दो शिक्षक को निर्धारित योग्यता नहीं होने से प्रमोशन नहीं दिया जा रहा है।