नई दिल्ली। स्वतंत्रता दिवस या गंभीर आतंकी हमले का अलर्ट मिलने के बाद जिस तरह पुलिस नाकेबंदी कर शहर में आने वाले एक-एक वाहन की तलाशी ली जाती है। झुंड में खड़े लोगों को हर पुलिस वाला संदेह की नजर से देखता है। कुछ ऐसा ही नजारा छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में देखने को मिल रहा है। सारे काम छोड़कर हर पुलिसवाला कुछ ना कुछ तलाश रहा है और उनके निशाने पर आंदोलनकारी शिक्षाकर्मी। बावजूद इसके भाजपा की रमन सिंह सरकार के खिलाफ आंदोलन रुकने का नाम नहीं ले रहा है। बताया जा रहा है कि रायपुर में 25 हजार से ज्यादा शिक्षाकर्मी घुस चुके हैं। वो यहां वहां बिखरे हुए हैं, अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के घरों में चले गए हैं। 5 दिसम्बर को कांग्रेस ने यहां प्रदेश बंद बुलाया है।
नेताओं की तलाश में जगह-जगह दबिश
खबर आ रही है कि जो शिक्षाकर्मी नेता अभी गिरफ्तार नहीं हुए हैं वे बैठकें कर आंदोलन को जारी रखने की रणनीति बना रहे हैं। केदार जैन और वीरेंद्र दुबे की गिरफ्तारी के बाद संजय शर्मा, विकास राजपूत, चंद्रदेव राय, धर्मेश शर्मा की अगुवाई में रणनीति बन रही है। बैठक के बाद आगामी रणनीति का खुलासा किया जाएगा। वैसे कल मंगलवार को कांग्रेस के साथ मिलकर प्रदेश बंद में शामिल होंगे। शिक्षाकर्मियों से कहा गया है कि इधर-उधर घूमते रहें और जैसे ही आगामी रणनीति बनेगी उसके अनुरूप काम करें। उधर, पुलिस की टीम अंडरग्राउंड शिक्षाकर्मी नेताओं की तलाश में जगह-जगह दबिश दे रही है। राजधानी पहुंचने वाले सभी रास्तों पर कड़ी नाकेबंदी कर बसों और बाइक सवार लोगों की भी जांच की जा रही है। बस मालिकों का कहना है कि रायपुर आ रहे शिक्षाकर्मियों को भी गिरफ्तार किया जा रहा है।
शिक्षाकर्मियों के नाम पर बसों की भी लंबी जांच की जा रही है। इससे अन्य यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पुलिस और आरटीओ की टीमें परमिट, लाइसेंस और फिटनेस की भी जांच कर परेशान कर रही हैं। आज करीब 80 फीसदी बसें प्रभावित रहीं।
पुलिस कर रही बर्बरता:
छत्तीसगढ़ विद्यालयीन शिक्षक कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष संजय तिवारी का कहना है कि राजधानी आ रहे शिक्षाकर्मियों के साथ पुलिस बर्बरता कर रही है। तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय प्रवक्ता विजय कुमार झा, ट्रेड यूनियन संयोजक एचपी साहू ने कहा है कि राजधानी को छावनी में तब्दील करना निंदनीय है।
बंद की तैयारी में जुटी कांग्रेस:
शिक्षाकर्मियों के समर्थन में कांग्रेस खुल कर मैदान में आ गई है। पार्टी ने 5 दिसंबर को प्रदेश में महाबंद का ऐलान किया है। इसके साथ ही वह बंद को सफल बनाने के लिए तैयारियों में जुट गई है। शनिवार को पीसीसी चीफ भूपेश बघेल और वरिष्ठ नेता मो. अकबर धरनास्थल पर जाकर शिक्षाकर्मियों से मिले थे।
इसके बाद आज पीसीसी ने जिले से लेकर ब्लाॅक तक के पार्टी पदाधिकारियों को शिक्षाकर्मियों के समर्थन में धरना प्रदर्शन करने के लिए कहा है। दूसरी तरफ शहर कांग्रेस अध्यक्ष विकास उपाध्याय के नेतृत्व में राजधानी में बंद को सफल बनाने के लिए कांग्रेस भवन में रणनीति तैयार की गई। कांग्रेस के प्रदेश पदाधिकारियों के साथ ही वरिष्ठ नेता भी इस बंद को समर्थन देने के लिए मंगलवार को सड़कों पर उतरेंगे। मोर्चा- प्रकोष्ठों के प्रभारी व प्रदेश महामंत्री शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि शिक्षाकर्मियों के आंदोलन को कुचलने का प्रदेश में चौतरफा विरोध हो रहा है।