नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर रंग में रंग जाते हैं। सैनिकों के बीच जाते हैं तो वर्दी पहन लेते हैं, कार्पोरेट्स से मिलते हैं तो सूट में नजर आते हैं। गुजरात में गुजराती और कश्मीर में कश्मीरी परिधान में नजर आते हैं। एम्स के हड़ताली डॉक्टरों ने अपील की है कि एक दिन व्हाइट एप्रिन पहनकर सरकारी अस्पताल में भी गुजारें। देखें कि यहां कितने संसाधन हैं, लोग क्या उम्मीद करते हैं और डॉक्टरों से किस तरह का व्यवहार करते हैं। बता दें कि राजस्थान के सरकारी डॉक्टर 16 दिसंबर से हड़ताल पर हैं।
हमारे दबाव को समझें
एम्स रेसिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने शनिवार को मोदी से अपील की कि वे सरकारी हॉस्पिटलों के डॉक्टरों पर दबाव को समझें, क्योंकि वहां बेहद खराब इन्फ्रास्ट्रक्चर होता है।इमरजेंसी के हालात में मरीज के परिजन उनके साथ खराब बर्ताव भी करते हैं। हमारी खुशकिस्मती है कि हमारे पास आप जैसा काम करने वाला प्रधानमंत्री है। हमारी आपसे रिक्वेस्ट है कि आप एक दिन व्हाइट एप्रिन पहनकर एक दिन सरकारी हॉस्पिटल के डॉक्टर के साथ गुजारें और खुद डॉक्टर के चेहरे पर दबाव को महसूस करें। सही इलाज न मिल पाने से मरीज के परिजन नाराजगी जताते हैं। संसाधन न होने से हेल्थकेयर सिस्टम मरता जा रहा है। मोदी को एम्स आरडीए के प्रेसिडेंट हरजीत सिंह भट्टी ने लेटर लिखा है।
मंत्री भी डॉक्टरों पर आरोप लगाते रहते हैं
लेटर में कहा गया है, "आपका (मोदी) ऐसा करना मंत्रियों के लिए एग्जाम्पल होगा। मंत्री केवल सस्ती शोहरत पाने के लिए डॉक्टरों के खिलाफ बयान देते रहते हैं। आपका सरकारी डॉक्टर के साथ एक दिन गुजारना स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए कारगर साबित होगा।
बता दें कि आंदोलन कर रहे कई डॉक्टर राजस्थान एसेंशियल सर्विस मेंटेनेंस एक्ट (RESMA) के तहत 3 महीने के लिए गिरफ्तार कर लिए गए थे। ऑल राजस्थान इन सर्विस डॉक्टर्स एसोसिएशन ने अपनी मांगों के लिए अनिश्चितकालीन हड़ताल की बात कही थी। बता दें कि राजस्थान के सरकारी डॉक्टर 16 दिसंबर से स्ट्राइक कर कर रहे हैं। RESMA के तहत 86 डॉक्टरों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
और क्या कहा गया है लेटर में?
राजस्थान के डॉक्टरों की मांगों को राज्य सरकार ने पहले स्वीकार कर लिया गया था लेकिन बाद में मानने से मना कर दिया। इससे डॉक्टर नाराज हो गए। हमारी आपसे रिक्वेस्ट है कि राजस्थान सरकार से अपना वादा पूरा करने और डॉक्टरों पर टॉर्चर बंद करने को कहें।