रायपुर। छत्तीसगढ़ में सरकार और शिक्षाकर्मियों के बीच चल रहा तनाव कांग्रेस के बीच में कूदने क बाद मित्रता में बदल गया है। भाजपा की रमन सिंह सरकार नहीं चाहती थी कि मप्र के किसान आंदोलन की तरह छत्तीसगढ़ के शिक्षाकर्मी आंदोलन का फायदा कांग्रेस को मिले अत: उन्होंने गुपचुप बातचीत की और 9 में से 8 मांगें मान लीं। आने वाली कैबिनेट बैठक में इन मांगों को पूरा करने का ऐलान किया जा सकता है। इसके अलावा सीएम रमन सिंह ने गिरफ्तार किए गए हड़ताली शिक्षाकर्मी नेताओं की रिहाई के आदेश भी दे दिए हैं।
मुख्यमंत्री रमन सिंह ने आंदोलन के दौरान गिरफ्तार हुए सभी शिक्षकर्मियों और नेतृत्व कर रहे नेताओं को जेल से रिहा करने के लिए आदेश जारी किए हैं। अब शिक्षाकर्मी फिर स्कूलों में अपना काम संभालेंगे और बच्चों की पढ़ाई पटरी पर आएगी। संविलियन को लेकर अड़े शिक्षाकर्मी 15 दिन से हड़ताल कर रहे थे और सरकार की सख्ती के बाद दो दिसंबर से आंदोलन तेज कर दिया था। कड़ाई के बाद आंदोलन कर रहे बड़े नेताओं को पुलिस ने एक के बाद एक गिरफ्तार किया था। इसके बाद भी आंदोलन नहीं रुका तो 41 शिक्षाकर्मी नेताओं को बर्खास्त कर दिया था।
कई स्थानों से हुई थी गिरफ्तारी
उग्र आंदोलन के दौरान कई बड़े शिक्षाकर्मी नेताओं को पुलिस ने राजधानी सहित राज्य के अन्य स्थानों से गिरफ्तार किया था। इस आंदोलन में शामिल महिलाओं ने भी कमर कसी और सरकार के खिलाफ मैदान में मोर्चा खोल दिया। जिसमें प्रदर्शनकारी महिलाओं का भी बाद में गिरफ्तार किया गया। यहीं से इस आंदोलन के कमजोर पड़ने की नींव डली और भूमिगत नेताओं ने सरकार के आगे सरेंडर कर दिया।